मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में इन दिनों एक अनोखा रेस्टोरेंट चर्चा में है। नाम है – प्रधानमंत्री चाय वाला। छपार थाना क्षेत्र के सिसोना गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर स्थित इस रेस्टोरेंट ने न सिर्फ चाय प्रेमियों का ध्यान खींचा है, बल्कि यह मुसाफिरों के लिए एक नया सेल्फी प्वाइंट भी बन गया है।रेस्टोरेंट के मालिक हैं अभिषेक सिंह पवार, जो मूल रूप से जयपुर, राजस्थान से आते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव रखने वाले अभिषेक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा से प्रभावित हैं। कभी चंडीगढ़ में कपड़ों का शोरूम चलाने वाले अभिषेक को व्यापार में नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन हार न मानते हुए उन्होंने अयोध्या में ‘प्रधानमंत्री चाय वाला’ के नाम से रेस्टोरेंट शुरू किया मुज़फ़्फ़रनगर
मुज़फ्फरनगर में खुला ‘प्रधानमंत्री चाय वाला’ रेस्टोरेंट – एक चाय वाले की बड़ी सोचमुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में इन दिनों एक अनोखा रेस्टोरेंट चर्चा में है। नाम है – प्रधानमंत्री चाय वाला। छपार थाना क्षेत्र के सिसोना गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर स्थित इस रेस्टोरेंट ने न सिर्फ चाय प्रेमियों का ध्यान खींचा है, बल्कि यह मुसाफिरों के लिए एक नया सेल्फी प्वाइंट भी
रेस्टोरेंट के मालिक हैं अभिषेक सिंह पवार, जो मूल रूप से जयपुर, राजस्थान से आते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव रखने वाले अभिषेक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा से प्रभावित हैं। कभी चंडीगढ़ में कपड़ों का शोरूम चलाने वाले अभिषेक को व्यापार में नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन हार न मानते हुए उन्होंने अयोध्या में ‘प्रधानमंत्री चाय वाला’ के नाम से रेस्टोरेंट शुरू किया। कपिल देव ने द्वारिका सिटी में दिनदहाड़े चोरी पर जताया गुस्सा, पीड़ित ने आकाश कुमार को ठहराया दोषी ! हालांकि राम मंदिर निर्माण के चलते भूमि अधिग्रहण में उन्हें वहां से हटना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब तीन महीने पहले मुज़फ्फरनगर में फिर से इसी नाम से अपने चाय मिशन को नए रूप में खड़ा किया है।
रेस्टोरेंट की खासियत यह है कि यहां 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की खास किस्म की चाय उपलब्ध है। यानी आम आदमी से लेकर खास तक – हर किसी के स्वाद और बजट को ध्यान में रखकर चाय परोसी जाती है। अभिषेक का मानना है कि “जब देश का प्रधानमंत्री एक चाय वाला बन सकता है, तो मैं भी चाय के ज़रिए देश को जोड़ने का सपना देख सकता हूं।”सिर्फ चाय नहीं, इस जगह का माहौल, दीवारों पर लगे नारे और तस्वीरें, सब कुछ एक विचारधारा को दर्शाते हैं। यहां देशभक्ति, आत्मनिर्भरता और मेहनत की भावना हर कोने में दिखाई देती है।
सड़क यात्रियों के लिए यह जगह सिर्फ पेट भरने की नहीं, बल्कि प्रेरणा लेने की भी बन गई है। अभिषेक सिंह पवार के इस प्रयास ने यह साबित कर दिया है कि सोच बड़ी हो तो कोई भी चाय वाला बन सकता है चर्चा का विषय।
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