आज से शुरू होगा श्रीराम जन्मोत्सव, तैयारियां पूरी

रामनवमी पर जन्मोत्सव में शामिल नहीं हो सकेंगे भक्त
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला जन्मोत्सव को भव्यता के साथ मनाने की तैयारी की है। मंगलवार को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पूर्व संध्या पर अयोध्या के सैकड़ों संत-महंत व हजारों राम भक्त के साथ रामकोट की परिक्रमा कर श्रीराम जन्मोत्सव का शुभारंभ करेंगे। परिक्रमा को विक्रमादित्य महोत्सव और श्री राम जन्मोत्सव समिति संयुक्त रूप से संपन्न कराएगा।  ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 22 मार्च से श्रीराम जन्मोत्सव के आयोजन में युवाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय सात दिवसीय खेल प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी रखा गया है। खेल प्रतियोगिताओं में प्रमुख रूप से खो-खो, तलवारबाजी, कबड्डी, आत्या पात्या, नौकायान, वॉलीबॉल और दंगल आदि का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भगवान के विभिन्न प्रसंगों पर कथा, कवि सम्मेलन, संगीत व भजन का आयोजन किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी नए उभरते कथा वाचकों स्थानीय कवियों और संगीतज्ञ को प्राथमिकता दी जाएगी। अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा 84 कोसी परिक्रमा के अंतर्गत लगभग 300 किलोमीटर की परिधि के उभरते हुए खिलाड़ी और विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं को प्रतियोगिताओं में मौका मिलेगा। कार्यक्रम भजन संध्या स्थल, राम की पैड़ी पर आयोजित होंगे।  श्रीराम जन्मोत्सव समिति के सदस्य गोपाल जी राव ने बताया कि 22 मार्च को सुबह 6 बजे से शुरू होने वाली साइकिल रेस और मैराथन दौड़ के दौरान देवकाली से नयाघाट तक के हाइवे पर 6 किलोमीटर में एक लेन को लगभग 2 घंटे के लिए बंद किया जाएगा। 21 किलोमीटर की रेस में लता मंगेशकर चौराहे से साकेत पेट्रोल पंप, बड़ी देवकाली, रीडगंज चौराहा, चौक, धारा रोड, अफीम कोठी के रास्ते 14 कोसी परिक्रमा मार्ग, लक्ष्मण घाट होते हुए अयोध्या के सरयू घाट स्थित आरती स्थल पर समाप्त होगी। इसमें पांच अलग-अलग स्थानों पर कैंप भी लगाए जाएंगे जहां पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के हाथ में एक मोहर लगेगी। मैराथन में तीन हजार युवक-युवतियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।  चंपत राय ने बताया कि राम जन्मभूमि पर श्री राम जन्मोत्सव को लेकर सुरक्षा के कारण कोई नया आयोजन नहीं किया जाएगा। पूर्व से होने वाले आयोजन ही इस वर्ष भी किए जाएंगे। भगवान के दरबार को सुंदर सजाया जाएगा। भव्य आरती का भी आयोजन होगा। प्रसाद श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। सुरक्षा कारणों से कोई भी श्रद्धालु जन्मोत्सव के दौरान मंदिर परिसर में मौजूद नहीं रह सकेगा।

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