लालगंज/आजमगढ़! नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना तिलखरा ,मसीरपुर,गनीपुर डगरहा में हवन पूजन के साथ सम्पन्न हुई। मां काली मंदिर तिलखरा पर लोक कल्याण की भावना से हवन,पूजन किया गया। मां कालरात्रि का रूप देखने में भयंकर अवश्य है,परंतु वह शुभंकरी हैं। रक्तबीज को भगवान शंकर का वरदान था कि उसके शरीर से जितनी रक्त की बूंदें गिरेंगी, उतने रक्तबीज के समान शक्तिशाली राक्षस उत्पन्न होंगे। सारे देवता पराजित होने के बाद मां दुर्गा से रक्तबीज के संहार की प्रार्थना की। मां दुर्गा ने चंडिका को आदेश दिया कि वह रक्तबीज के शरीर से जितना भी रक्त गिरे उसे वह पी जांय। इस तरह अद्भुत वरदान प्राप्त रक्तबीज का वध हो सका। मां चंडी या मां काली की उपासना से आठों सिद्धियां और नवों निधियों को पाया जा सकता है। इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य ओमप्रकाश सिंह तिलखरा, पूर्व प्रधान धनंजय सिंह, मुन्ना सिंह, अरुण कुमार सिंह, भानू पाठक,आदर्श ,अमन, नमन सोनू कश्यप, अवधेश कश्यप, बब्बू सिंह,प्रिंस सिंह,दल्लू धरिकार आदि लोग इस रुप से उपस्थित रहे।
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