फूलपुर/आजमगढ़ )। फूलपुर तहसील के नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के निजीकरण के फैसले से नाराज कर्मचारी गुरुवार को सड़क पर उतर आए है।इस दौरान फूलपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने विरोध जताया। साथ ही कहा कि सरकार के फैसले से कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे। इसका खामियाजा अफसर और उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ेगा। जिससे गुरुवार और शुक्रवार से बिजली व्यवस्था बेपटरी हो गयी । फूलपुर में एसडीएम नरेंद्र गंगवार बिजली के लिये कालोनी पर डटे रहे । जिससे माहुल नगर पंचायत ,अम्बारी सिहित ग्रामीण इलाको में फाल्ट बरकरार रहा। 36 घण्टे से विजली आपूर्ति न होने से उपभोक्ताओं के लिए सरदर्द बढ़ गया है । कर्मचारियो का कहना है कि निजीकरण का फैसला सरकार को वापस लेना होगा। ऐसा नहीं हुआ तो आर पार की लड़ाई छेड़ी जाएगी। निजीकरण से बिजली विभाग में भर्तियां बंद हो जाएंगी। निजी कंपनियां सरकारी अफसर,कर्मचारियों के साथ ही उपभोक्ताओं के साथ भी मनमानी करेंगे।संघ से जुड़े लोगो ने कहा की यहां फैसला पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है। फूलपुर तहसील के माहुल नगर पंचायत के अम्बारी ,खंजहापुर , गोधना ,पवई , मित्तूपुर , मिल्कीपुर ,फुलवरिया आदि इलाकों में 36 घण्टे से विद्युत आपूर्ति बंद होने से जनमानस में आक्रोश बढ़ गया है । उपजिलाधिकारी नरेंद्र गंगवार का कहना है बिद्युत आपूर्ति के लिए प्रयास जारी है । फूलपुर नगर पंचायत में विद्युत आपूर्ति के लिए सुदनीपुर विद्युत उपकेंद्र को चालू करवा दिया गया है ,माहुल नगर पंचायत विजली आपूर्ति के लिए विद्युत उपकेंद्र को चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है । इस क्षेत्र के सफीक अहमद , कृष्ण कुमार यादव ,अप्पू यादव , राकेश यादव ,महेंद्र पाण्डेय ,राजेन्द्र पाण्डेय , दिलीप सिंह बघेल , राजेंद्र यादव , डॉ सुभाष यादव आदि का कहना हैं कि अगर विद्युत आपूर्ति तत्काल बहाल किये जाने की मांग की है ।
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