प्रथम वीर चक्र विजेता शहीद सौदागर सिंह की परपोती का सेना में हुआ चयन

चौथी पीढ़ी में बिटिया ने शहीद परदादा के सपनों को पूरा करने के लिए सेना में हुई भर्ती।

देश की रक्षा के लिए शहीद परिवार की बिटिया ने सेना में सेवा का चुना रास्ता।
बिटिया की सफलता पर परिवार में हर्ष मिठाई खिला कर दी बधाई।

सगड़ी/ आजमगढ़ | तहसील क्षेत्र के बड़ागांव पुनापार निवासी प्रथम वीर चक्र विजेता शहीद सौदागर सिंह पर पोती का सेना में हुआ चयन चौथी पीढ़ी में बिटिया ने संभाली कमान देश की रक्षा के लिए शहीद परिवार की बिटिया ने सेना में सेवा का चुना रास्ता रविवार को परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर परिवार में हर्ष बधाई देने वालों का लगा तांता।
जानकारी के अनुसार रविवार को एम एन एस आर्मी परीक्षा का परिणाम आया जिसमें शहीद परिवार की बिटिया संगिनी सिंह पुत्र सत्यपाल सिंह ने परीक्षा उत्तीर्ण कर देश की रक्षा के लिए सेना में सेवा का रास्ता चुन प्रथम वीर चक्र विजेता 1962 शहीद सौदागर सिंह के रास्ते पर चलने के लिए चौथी पीढ़ी में शहीद परिवार की बिटिया ने अपने परबाबा के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए सेना में भर्ती हुई जो 4 जून को परीक्षा में सम्मिलित हुई थी रविवार को परीक्षा परिणाम में उत्तीर्ण होने पर उनकी दादी उर्मिला देवी व माता अंजना सिंह और पिता सत्यपाल सिंह जो सेना में हवलदार पद से सेवानिवृत्त होकर घर पर आए हैं ने बिटिया की सफलता पर बिटिया को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त की वहीं उनके घर पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा रहा। विदित हो शहीद परिवार की बड़ी बिटिया संगिनी सिंह ने वर्ष 2023 में वाराणसी के अतुलानंद इंटर कॉलेज से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात अपने बाबा के सपनों को साकार करने के लिए बिना अपने परिवार की सहमति से देश की रक्षा के लिए वह अपने शहीद बाबा के सपनों को साकार करने के लिए सेना में जाने का फैसला कर फार्म भरा और 4 जून को परीक्षा दी जिसका परिणाम रविवार को आया जिसमें सफल हुई उनके पर बाबा सहित सौदागर सिंह वर्ष 1962 में चीनी सैनिकों से युद्ध में चीनी राइफल छीन कर भारतीय कैंप में पहुंचने पर उन्हें प्रथम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था वही 30 जनवरी 1965 में देश की रक्षा के लिए युद्ध करते समय शहीद हो गए। चौथी पीढ़ी में बिटिया ने शहीद परिवार की कमान संभाली और सेना में भर्ती हुई उनके घर पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा रहा जिनमें मुख्य रुप से दीपक सिंह बलवीर सिंह डॉक्टर शैलेंद्र सिंह संतोष चौरसिया सहित दर्जनों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

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