मऊ : पूर्व कैबिनेट मंत्री दारा चौहान का भाजपाइयों ने किया जोरदार स्वागत

उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान का भाजपा में सम्मिलित होने के बाद जनपद कार्यालय पर प्रथम आगमन हुआ। गाड़ियों के लंबे काफिले के साथ जनपद के विभिन्न जगहों पर दारा चौहान का भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। पूर्व मंत्री ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार के सुसासन के बाल पर आम जनमानस में काफी सकारात्मक संदेश जा रहा है। आज पूरे देश का वंचित समाज का भरोसा मोदी और योगी जी के सरकार में विश्वास व्यक्त कर रहा है यह भाजपा सरकार का इकबाल बुलंद करता है। आज पिछड़े और वंचितों की भागीदारी और सम्मान भाजपा सरकार में ही सुरक्षित है। भाजपा सरकार की योजनाओं में कोई भेद नहीं होता है, हर नागरिक हमारा है और हम उसके हैं। आज देश में पिछड़ों और वंचितों का सम्मान भाजपा ने बढ़ाने का कार्य किया है। पत्रकारों के कई सवालों पर पूर्व मंत्री असहज दिखे। पूर्व मंत्री ने विभाजन विभीषिका की याद में कहा की 14 अगस्त को भाजपा द्वारा कई कार्यक्रम होना प्रस्तावित है। विभाजन विभीषिका पर पूर्व मंत्री ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की 14 अगस्त को भाजपा कार्यकर्ता जनपद कार्यालय से ब्रह्मस्थान स्थित मद्धेशिया धर्मशाला तक मौन जुलूस निकालेंगे तथा विभीषिका से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ ही संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे। देश के बंटवारे के दर्द को कभी बुलाया नहीं जा सकता है। 14 अगस्त भारतीय इतिहास का काला दिवस था भारत के इतिहास में यह एक ऐसा दुर्भाग्यशाली दिन था जिस दिन भारत के भूगोल समाज संस्कृति सभी का बंटवारा हो गया। जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा विभाजन स्वीकार करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखों लोग मारे गए डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए एक लाख से अधिक महिलाओं के साथ अनाचार हुआ। नेहरू ने मात्र प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने के लिए न केवल देश के टुकड़े करवाए बल्कि लाखों लोगों के खून से भारत भूमि को नहला दिया घृणा का जो बीज उस समय बोया गया उन्हें पूर्णतया नष्ट करने के लिए आने वाली कई पीढियां को मिलकर प्रयास करना होगा। यदि नेहरू राष्ट्रवादी थे और उनका विश्वास धर्मनिरपेक्षता में था तो अचानक धर्म के नाम पर होने वाले विभाजन को स्वीकार करने के लिए वह सहमत कैसे हो गए? अंग्रेजों के उत्तराधिकारी होने के कारण कांग्रेसी ये गलतफहमी पाले हुए थे कि जब अंग्रेज विदेशी होते हुए भी दो समूह को एक दूसरे से लड़ा कर 200 साल तक राज कर सकते हैं तो हम स्वदेशी होते हुए 2000 साल तक राज क्यों नहीं कर सकते। आज जो कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता का ढोंग करती है उसी कांग्रेस ने कई सांप्रदायिक कानूनों को पारित करवाने में अंग्रेजों की भरपूर सहायता की। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार गुप्ता ने कहा की कांग्रेस द्वारा निरंतर मुस्लिम लीग को तुष्ट करने की अपनाई गई नीति को डॉक्टर अंबेडकर ने कभी पसंद नहीं किया। डॉक्टर अंबेडकर ने अपनी पुस्तक थॉट्स ऑन पाकिस्तान में नेहरू और तत्कालीन कांग्रेस के रवैए की कठोर आलोचना की है। विभाजन को एक सबक के रूप में लेना चाहिए ताकि भारत अतीत की गलतियों को ना दोहराएं और देश तूष्टिकरण की पराकाष्ठा पर ना चले खासकर जब हमारे पड़ोस में अस्थिरिता पहले से ही कहीं अधिक हो चुकी है। 14 अगस्त 1947 की तारीख भारत भला कैसे भूल सकता है! भारत के लिए यह किसी भीषण विभीषिका से कम नहीं थी। इसी दर्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया की प्रत्येक 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाने के लिए 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवसके रूप में भारतीय जनता पार्टी मनाएगी। जिला संयोजक देवेंद्र सिंह ने कहा कि नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा। देश के विभाजन का घाव व अपनों को खोने के दुःख को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता. मुझे विश्वास है कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस समाज से भेदभाव व द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम व एकता को बल देगा। इस अवसर पर जिले के संयोजक देवेंद्र सिंह,आनंद प्रताप सिंह, राकेश मिश्र,रामाश्रय मौर्य,संतोष सिंह,नूपुर अग्रवाल,कृष्ण कांत राय,सचिंद्द सिंह,अंजनी सिंह,रामप्रवेश राजभर,पुनीत यादव सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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