बैरिया/बलिया। क्षेत्र के सुरेमनपुर उत्तरी दियराचंल के गोपाल नगर टाड़ी पर हो रहे सरयू नदी का कटान रुक रुक कर हो रहा है। गुरूवार को कटान का रुख उपजाऊ खेतों के तरफ था। तेज कटान के वजह से गोपाल नगर टाड़ी के लोगों की धुक धुकी तेज हो गई है। लोग दहशत मे है। अगर समय रहते बाढ़ विभाग ने यहां कटान रोकने के लिए कोई ठोस कार्य योजना बनाया होता तो शायद गोपाल नगर टाड़ी का अस्तित्व बच गया होता।लेकिन कटान पीड़ितो का कहना है कि बाढ़ विभाग फ्लड फाइटिंग के मद से बम्बू क्रेट विधि से कटानरोधी कार्य करा कर सरकारी धन का बन्दरबांट करने मे लगा हुआ है। बाढ़ विभाग को कटान रोकने व कटान पीडितो से कोई लेना देना नही है।पूर्व में कटान से प्रभावित होने वाले कटान पीड़ितों की स्थिति बहुत ही दयनीय है।दियराचंल के कई स्थानो पर अपने परिवार व माल मवेशियो के साथ कटान पीड़ित खाना बदोश का जीवन यापन कर रहे है। सरयू नदी का तेवर इतना तल्ख है कि शिवाल मठिया मल्लाह बस्ती के समीप अब पहुंचने वाली हैं।वहां पर उपजाऊ भूमि रोज ही कटकर घाघरा नदी में विलीन हो रही है। अभी तक दो दर्जन किसानों के लगभग 300 एकड़ से अधिक जमीन सरयू में विलीन हो चुका है। कुल मिलाकर घाघरा के तेवर से दियराचंल के लोग सहमे हुए हैं। कल तक पक्के मकान में रहने वाले लोग सुरेश यादव, अनिल यादव, जितेंद्र यादव व लालपति यादव आदि अब गोपाल नगर बालू पर उधार की जमीन लेकर जैसे तैसे मूज काट कर अपने मड़हे लगा रहे हैं। इस इस मड़हे में अपने परिवार व माल मवेशियो के साथ गुजर बसर कर रहे हैं। इस बाबत तहसीलदार सुदर्शन कुमार से पूछने पर बताया कि लेखपाल को लगाया गया है।नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। गोपाल नगर टाड़ी में घाघरा नदी के कटान से जितना नुकसान हुआ है।उसका मुआवजा शिघ्र वितरित कराया जाएगा। तहसील प्रशासन कटान पर निगाह बनाए हुए हैं।
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