डाक्टर लालमणि पर मेरा नियंत्रण नहीं, वह किसी की बात नहीं मानते : सीएमएस

-सीएमओ की बाताें पर जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का जवाब
-पीड़ित की शिकायत की जांच कराने के लिए सीएमओ ने एडी को पत्र भेजा
-आपरेशन के नाम पर गर्भवती के स्वजन से छह हजार रुपये मांगने का मामला
आजमगढ़ | जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने मान लिया है कि डाक्टर लालमणि पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है और न वह किसी की बात ही मानते हैं। इस बात की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी इंद्र नारायण तिवारी ने गर्भवती के परिजन की शिकायत की जांच कराने के लिए अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भेजे पत्र में दी है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने पत्र में लिखा है कि 20 अगस्त को गर्भवती प्रतिमा उपाध्याय के परिजन ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. लाल मणि के ऊपर आपरेशन छह हजार रुपये मांगे जाने एवं न दिये जाने पर ओटी से बाहर कर राजकीय मेडिकल कालेज रेफर करने का आरोप लगाया था। 
 इस पर सीएमओ ने तत्काल डा. लाल मणि को फोन किया तो उनका मोबाइल बंद था। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से संपर्क कर प्रकरण का शीघ्र संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई हेतु अवगत कराया गया, तो उनके द्वारा अवगत कराया गया कि अभी चिकित्सालय में नहीं हैं। डा. लालमणि पर मेरा नियंत्रण नहीं है, वह किसी की बात नहीं मानते। वरिष्ठ परामर्शदाता (पैथालोजिस्ट)  डा. विनय कुमार यादव से संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया तो उन्होंने बताया कि वे अभी मुख्यालय पर नहीं हैं। 
 इसके बाद सीएमओ ने प्रकरण का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए स्वयं जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया और उससे पूर्व रास्ते में ही मेडिकल कालेज की एसोशिएट प्रोफेसर स्त्री रोग विभाग राजकीय मेडिकल कालेज डा. मधु यादव से संपर्क कर संदर्भित मरीज के लिए भर्ती एवं आरेशन की व्यवस्था हेतु अवगत करा दिया गया। 
 जिला महिला चिकित्सालय पहुंचने पर महिला को तत्काल राजकीय मेडिकल कालेज भेजा गया। भ्रमण के समय डा. कविता धींगरा स्त्री रोग विशेषज्ञ (संविदा) उपस्थित थीं, किंतु उन्हें मरीज की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उस समय उपस्थित एनेस्थेटिस्ट डा. गोपाल व ओटी स्टाफ को बुलाया गया तो कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। स्टाफ नर्स विमला कुछ देर बाद आईं, लेकिन उन्हें भी मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी। भ्रमण के दौरान मैट्रन को बुलाने पर अवगत कराया गया कि वह मुख्यालय से बाहर गई हैं। बीएचटी के अवलोकन पर पाया गया कि भर्ती के समय मरीज की स्थिति सामान्य दर्शायी गई थी। पैथालोजी जांच में केवल हिमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप आदि की रिपोर्ट है। एनेस्थेटिस्ट चेकअप में निश्चेतक द्वारा बिना समय डाले नोट लगाया गया था, जिसमें हायपरटेंशन, पल्सरेट बढ़ी हुई एवं पैर में सूजन दर्शाया गया था तथा ईसीजी एवं एलएफटी की जांच किये जाने की सलाह दी गई थी। बीएचटी पर विनीता पदनाम अज्ञात द्वारा संदर्भन पर हस्ताक्षर किया गया है। सीएमओ ने अपने पत्र में लिखा है कि लालमणि प्रस्तुत नहीं हुए और न ही फोन पर संपर्क किया। प्रकरण में यह प्रतीत होता है कि महिला को जानबूझ कर आपरेशन न करने के लिए बाद में  एनेस्थेटिस्ट नोट में गंभीर दर्शाते हुए संदर्भित किया गया है। कहीं भी किसी चिकित्सक द्वारा समय अंकित नहीं किया गया है। आपरेशन के पूर्व अन्य आवश्यक पैथालोजी जांच नहीं कराई गई है। चिकित्सालय में पूरी तरह अव्यवस्था का वातावरण है। किसी पर भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का नियंत्रण नहीं है। अन्य गर्भवती भी अपने आपरेशन के लिए परेशान थीं। ऐसे में  मामले का संज्ञान लेते हुए अपने माध्यम से विस्तृत जांच कराने का कष्ट करें तथा दर्शाये गए सभी बिंदुओं पर तत्काल संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई हेतु अपने स्तर से निर्णय लें, जिससे भविष्य में इस तरह की स्थिति उत्पन्न न हो।

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