पुरानी पेंशन भीख नहीं अधिकार है : सुरेश कुमार त्रिपाठी

शिक्षक राष्ट्र निमार्ता और चाणक्य परंपरा के संवाहक आजमगढ़। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा प्रदेशीय नेतृत्व के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल आजमगढ़ के कार्यालय पर आयोजित मंडलीय धरने पर भारी संख्या में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए संगठन के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कुमार त्रिपाठी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम शिक्षक राष्ट्र निमार्ता और चाणक्य परंपरा के संवाहक हैं। सरकार हमारी अर्जित उपलब्धियां, जिन्हें हमने अपने संघर्षों और बलिदानों से अर्जित किया है, पर कुठाराघात करके हमारी न्यायोचित मांगों को हठधर्मिता छोड़कर तत्काल स्वीकार करें अन्यथा उसे यह ज्ञात होना चाहिए हम साम्राज्य मिटाना और बनाना दोनों जानते हैं। उन्होंने कहा की पुरानी पेंशन योजना जिसे सुनिश्चित पेंशन योजना भी कहते हैं, को समाप्त कर नई पेंशन योजना, जो वास्तव में पेंशन है ही नहीं को लागू करना, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम की पदोन्नति से संबंधित धारा 12, सदस्य प्रधानाचार्य की पदोन्नति से संबंधित धारा 18 और सेवा सुरक्षा से संबंधित धारा 21 समाप्त करके सरकार ने शिक्षकों की युवा पीढ़ी के भविष्य के प्रति जो अन्याय किया है वह असह्य है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ इसको किसी भी कीमत पर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और इसका जोरदार विरोध खून की अंतिम बूंद तक किया जाएगा। धरने को गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक क्षेत्र के यशस्वी विधायक विधान परिषद में शिक्षकों की मुखर आवाज संसदीय परंपराओं के मर्मज्ञ नेता शिक्षक दल माननीय ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने अपना विद्वतापूर्ण संबोधन एक शेर से पढ़कर प्रारंभ किया। एक दो जख्म नहीं सारा जिस्म छलनी है दर्द बेचारा परेशान है कि कहां से उठे। उन्होंने कहा कि सरकारों ने अपने कृत्यों से शिक्षक समुदाय को आहत किया है और समझ में नहीं आता है कि अपने दर्द का बयान हम कहां से प्रारंभ करें। कभी हमारी विश्वसनीयता पर चोट की जाती है तो कभी हमारी अर्जित उपलब्धियां और कभी सेवाओं पर स्थित पर गंभीर कुठाराघात किया जाता है। परिस्थितियों अत्यंत गंभीर और सहयोग होती हैं पूरे शिक्षक समुदाय के समक्ष अपनी अस्तित्व की रक्षा का गंभीर संकट पैदा कर दिया गया है हमने हर गांधीवादी तर्क से अपनी बात सदन से सड़क तक रखने का भरपूर प्रयास किया और अब भी कर रहे हैं किंतु यह गूंगी बहरी सरकार कुछ भी सुनने और बोलने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अब केवल एक रास्ता रह गया है आर पार के संघर्ष का। अब हमको अपने जीवन मरण के संघर्ष द्वारा अंतिम सांस तक निर्णायक संघर्ष का निर्णय लेना होगा और अपने संग्रह के माध्यम से ऐसा जोरदार धमाका करना होगा कि सरकार का कान भी खुल जाए और उसकी आवाज भी खुले जिससे वह हमारी बात सुनने और उसके संबंध में बोलने के लिए मजबूर हो जाए। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर शिक्षकों की नई पीढ़ी का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे। धरने की अध्यक्षता मंडलीय अध्यक्ष कमलेश राय तथा संचालन मंडली मंत्री जय नारायण द्विवेदी ने किया। धरने को शिक्षक नेता प्रमोद कुमार मिश्रा पूर्व एमएलसी , इंद्रासन सिंह पूर्व महामंत्री, दिवाकर तिवारी, ध्रुव मित्र शास्त्री मुन्नू यादव, देव भास्कर तिवारी, मंडलीय अध्यक्ष कमलेश राय मंडलीय मंत्री जय नारायण दुबे, बृजेश राय जिला अध्यक्ष, विजय कुमार सिंह जिलामंत्री, प्रभाकर राय, देवेंद्र नाथ पांडे, अवधेश त्रिपाठी, राजेश भारती, सर्वेश्वर पांडे ऋषिकेश मिश्रा, बालेश्वर नाथ सिंह अध्यक्ष बलिया, जगत नारायण मिश्र, दिनेश प्रसाद, रमेश ओझा, रामानंद यादव दीनदयाल राय, राजेश यादव, परशुराम यादव, संतोष कुमार सहित धरने में मंडल के हजारों शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति देकर धरने को संबल प्रदान किया।

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