मेरे आंदोलनों से खार खाए बैठा था शासन-प्रशासन: प्रवीण

खुद के संघर्षों को बयां करने के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने सपा पर उठाए सवाल अज्ञात लोगों में नाम आने के दहशत के कारण अन्य दलों ने साध ली चुप्पी आजमगढ़। कोरोना काल में कोतवाली पहुंचकर हंमामा के आरोप में जेल भेजे गए कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने जमानत पर रिहा होने के बाद खुद के द्वारा किए गए संघर्षों को बयां करने के साथ सपा की भूमिका पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। एक सवाल के जवाब में कहा कि जब प्रशासन ने सपा के बुजुर्ग विधायक का अपमान किया था, तो मैं अपने कार्यकत्तार्ओं के साथ उनके संघर्ष में उनके साथ रहा। सपा के 10 विधायक हैं, लेकिन वह क्यों मेरे मामले में आवाज नहीं उठाए। 150 अज्ञात लोगो में मेरा नाम न आ जाए, शायद इससे अन्य दलों के लोग दहशत में हैं इसीलिए अन्य कोई विपक्षी दल शासन-प्रशासन का विरोध नहीं कर पा रहा।
जिला कांग्रेस कार्यालय पर जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा छात्र जीवन से ही शोषितों, पीड़ितों के लिए हमेशा संघर्ष कर उन्हें न्याय दिलाने का काम कर रहा हूं। जिलाध्यक्ष बनने के बाद जनपद में कांग्रेस ने अनेक आंदोलन किए। इससे शासन-प्रशासन खार खाये बैठा था और फर्जी मुकदमों में फंसाने के फिराक में था। मुझे पता चला कि शहर के व्यापारी आशीष गोयल को एसडीएम और सीओ ने मारापीटा और उन्हें कोतवाली ले आए। बहुत से व्यापारी कोतवाली पहुंचे थे, सूचना पर वहां पहुंच कर मैंने अधिकारियों से बात की थी। कांग्रेस इस मामले में आदोलन खड़ा न कर दे, इससे घबराये प्रशासन ने रात मे मीटिंग करके मेरे ऊपर भी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। कांग्रेस का कार्यकर्ता मुकदमों और जेल से डरने वाला नहीं है। प्रेस वार्ता में आशुतोष द्विवेदी आदि भी मौजूद थे।

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