आवारा पशुओ के आतंक से अन्नदाता परेशान ,चट जा रहे फसल

रोड पर गोवंश कर रहे लोगों को घायल
आजमगढ़। फूलपुर क्षेत्र के बाजारों एवं आसपास के गांव में छुट्टा पशुओं का आतंक व्याप्त है। सड़क पर झुंड में खड़े मवेशी एक तरफ जहां आवागमन करने वालों को परेशान कर रहे हैं। वही खेतों में फसलों को चरकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे किसान परेशान हैं। पवई ,मिल्कीपुर ,मित्तूपुर अम्बारी ,गददौपुर ,बिलारमऊ ,पलिया ,पल्थी,भेड़िया ,हुब्बीगंज ,दीदारगंज आदि बाजारों में सुबह से लेकर देर रात तक छुट्टा पशु घूम रहे हैं। इससे आवागमन करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग पर पशुओं के इधर उधर दौड़ने की वजह से खासकर बाइक सवार बचने के चक्कर में या तो अनियंत्रित होकर गिर जा रहे हैं या फिर गिरते-गिरते बच रहे  हैं। पशुओं के टहलने से पैदल आवागमन करने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों में भय बना रहता है कि कहीं मवेशी उन्हें घायल न कर दें। इसके साथ ही सुम्हाडीह, मिल्कीपुर, बस्ती, जल्दीपुर, चकिया, बागबाहर सहित दर्जनों गांव में छुट्टा पशुओं का आतंक बना हुआ है ।वह फसल को चरकर बर्बाद कर रहे हैं। पशुपालक उन्हें भगा रहे हैं तो उन्हें दौड़ा ले रहे हैं। छुट्टा पशुओं का इस कदर आतंक है कि अब वह बीच बाजार व सड़कों पर विचरण कर रहे हैं। सरकार के तमाम आदेशों के बाद भी छुट्टा पशुओं को पकड़ने के प्रति जिम्मेदार उदासीन बने हुए हैं। इन छुट्टा पशुओं के हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। किसान निखिल,अजय,हरिप्रसाद,राम हरख,दीपक,विनोद ,शाहिद,कृष्ण कुमार यादव ,राजेन्द्र प्रसाद यादव ,शफीक अहमद ,कृष्ण मोहन मिश्रा आदि का कहना हैं किसानों पर दोहरी मार  पड़ रही है। एक ओर जहां छुट्टा पशुओं ने उनकी धान की फसल को चट कर  जा रहे हैं।  बहुत से किसान छुट्टा पशुओं के आतंक से अपनी खेती करना छोड़ दिये है । किसान वीरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि महंगाई ने उनकी कमर को तोड़ कर रख दिया है। छुट्टा पशु किसानों के दुश्मन बन गए हैं। रात दिन रखवाली के बाद भी फसल चर जाते हैं।  किसान बलवंत सिंह का कहना है कि छुट्टा पशु आज की सबसे बड़ी समस्या है। लेकिन इस पर प्रशासन द्वारा कोई ठोस योजना  नहीं बनाई जा रही हैं। सरकार का दावा हवाई साबित हो रहा है । 

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