अभिनेत्री आम्रपाली दुबे के मंच पर पहुंचते ही कुर्सियां छोड़ दिए लोग
सांसद दिनेश लाल यादव निरहू की मंच पर मौजूदगी ने बढ़ाया हौसला
आजमगढ़ महोत्सव की आखिरी शाम दिलों पर छा गए सभी कलाकार
आजमगढ़। एक के बाद एक प्रस्तुतियों ने आजमगढ़ महोत्सव की आखिरी शाम में चार चांद लगा दिया। कई बार स्थिति ऐसी बनी कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोग कुर्सियां छोड़कर तालियां बजाने लगे, तो कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा कार्यक्रम स्थल ही गूंज उठा।
शिल्पी राज ने जैसे ही 'दिलवा ले गईले राजा बोतल में भर के' की प्रस्तुति दी तो उन्हें उसकी लाइन पूरी करने से पहले ही लोग कुर्सियां छोड़कर इस तरह से तालियां बजानी शुरू की कि बाकी की लाइन को सुनना मुश्किल हो गया था। यही नहीं भोजपुरी फिल्म एक्टर आम्रपाली दुबे के मंच पर पहुंचते ही उनके स्वागत में लोगों ने तालियां बजाई । आजमगढ़ महोत्सव के थीम सांग प्रस्तुत करने वाले प्रणव सिंह कान्हा ने जय हो आजमगढ़ के बाद 'आज सरकार का दीदार, अवध में राम आए हैं' प्रस्तुत कर माहौल को दूसरा रूप देने का प्रयास किया। भोजपुरी गायक मनोहर सिंह ने ' बलम मिला मुन्ना, हल्फा मचा के गईल, सेजिया पर डहके जवानी' सुनाकर लोगों को प्रभावित किया। अलका सिंह पहाड़िया ने 'चुटकी भर सेंदुरा कवन गरहनवा पापा, सिंगार दानी छोटी' सुनाकर अपनी बात रखी, तो गोपाल राय ने ' मड़ईया पर काग बोले, जहिया से प्यार भईल' करिहैया ए गोरी हीलोर मारे, रउवा किरिये माहूर खा के'। विजय चौहान ने 'दिल लागल बा तोहरे से' सुनाकर आखिरी शाम की महफिल लूटने की पूरी कोशिश की। दूसरी ओर गोल्ड मेडलिस्ट सिंगर आदर्श मिश्रा ने 'हर करम अपना करेंगे और भजन' और 'मंदिर अब बनने लगा है भगवा रंग चढ़ने लगा' सुनाकर अपनी भावना को प्रदर्शित किया। आशीष मिश्रा के सारंगी वादन की प्रस्तुति धुन 'उड़जा काले कावा तेरे और जीना जीना, उड़ा गुलाल माई तेरे चुन
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