जातिवार जनगणना सामाजिक न्याय की अवधारणा को बनाएगा मजबूत: संजयदीप

दर्जनों नेताओं ने धरने को सम्बोधित कर उपजिलाधिकारी को सौंपा मांगपत्र

मधुबन,मऊ। सोमवार को समाजवादी जन परिषद व राष्ट्रीय समानता दल के संयुक्त नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा विभिन्न समस्याओं को लेकर तहसील परिसर मधुबन में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता  राजेन्द्र चौधरी तथा संचालन सर्वेश राजन सिंह ने किया। धरने को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय समानता दल प्रदेश अध्यक्ष संजयदीप ने कहा कि देश के विकास को नया आयाम देने के लिए देश मे जातिवार जनगणना कराया जाना जरूरी है। जो सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत बनाएगा। समाजवादी जन परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमा मौर्य ने कहा कि तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है, अधिकारी और कर्मचारी आँख बंद किये हुए है। प्राइवेट कर्मचारियों को अवैध रूप से रख कर वसूली कराया जा रहा है। तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार को तहसील क्षेत्र की जनता बर्दाश्त नही करेगी। विद्यार्थी युवजन सभा के राष्ट्रीय संयोजक शैलेश कुमार 'मोनू' ने कहा कि देश के मतदाताओं को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए "मतदाता सामाजिक सुरक्षा भत्ता दिया जाय। सरकारी विभागों से निकलने वाली नियुक्तियों में जाति प्रमाण पत्र के साथ आरक्षण ओवरलैपिंग का लाभ दिया जाय। छात्र बेरोजगार होता है छात्रों से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शुल्क लेना उनके साथ बेईमानी है मांग किया कि प्रतियोगी परीक्षाएं शुल्कमुक्त किया जाय। खेती किसानी बचाओ आंदोलन के नेता अनोखेलाल यादव  ने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पदों को 6 माह के अंदर भरा जाय, देश में न्यायिक आयोग का गठन करके सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से कराया जाय तथा कॉलेजियम प्रणाली से नियुक्ति बंद किया जाय।



 सत्यम मौर्य ने कहा कि अग्निवीर प्रणाली खत्म करके स्थाई कमीशन की नौकरी दिया जाय। किसान नेता राम छबीला साहनी ने कहा कि लेटरल प्रणाली प्रतिभावान अभ्यर्थियों के साथ विश्वासघात है, सामाजिक न्याय की अवधारणा के खिलाफ है, लेटरल प्रणाली से नियुक्ति बन्द किया जाय। क्रांति नारायण सिंह ने कहा कि तहसील प्रशासन किसानों के साथ अन्याय कर रहा है, किसान इससे लड़ने के लिए बाध्य होंगे। अध्यक्षता कर रहे किसान मजदूर परिषद के चौधरी राजेंद्र ने कहा कि किसान ईमानदार होता है किसानों का पसीना क्रांति पैदा करती है, किसानों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं होगा। कार्यक्रम में वीरेंद्र चौरसिया, अनिरुद्ध प्रजापति, महेंद्र यादव, छविनाथ, अनोखेलाल, श्रवण कुमार, राजेश कुमार, रामानंद,  प्रमोद यादव, जवाहरलाल गोंड, मंशा देवी, जुगेश, रामसोच पटेल, छांगुर चौहान, रामकेवाल चौहान, विकास मौर्य इत्यादि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।


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