रावण के अत्याचार से कांप उठी धरती, तो देवताओं ने किया तप

तपस्या कर मांगा अमरत्व का वरदान, विभीषण ने मांगी प्रभु की भक्ति

बरहतिर जगदीशपुर की रामलीला के दूसरे दिन कलाकारों की प्रस्तुतियों ने किया प्रभावित 

जहानागंज (आजमगढ़): बरहतिर जगदीशपुर की रामलीला के दूसरे दिन सोमवार की रात रावण जन्म एवं ब्रह्मा से वरदान के बाद उसके अत्याचार का  मंचन  किया गया। प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि रावण ने कुंभकरण और विभीषण से कहा कि अब हम लोग बड़े हो गए हैं चलो तपस्या करके ब्रह्मा से वरदान मांगें। तीनों ने घनघोर तपस्या की जिस पर खुश होकर ब्रह्मा ने बारी-बारी सब को वरदान दिया। रावण ने अमरत्व का वरदान मांगते हुए कहा कि मैं तीनों लोको पर राज करूं। कुंभकरण के विशाल काया को देखकर भगवान ने उसी मति को भ्रमित कर दिया और उसने वरदान मांगा कि मैं छह महीना सोऊं और एक रात जागूं, जबकि विभीषण ने प्रभु के चरणों में सेवा करने का वरदान मांगा। वरदान पाकर अहंकार के वशीभूत होकर रावण चारों तरफ अत्याचार करने लगा। सूर्य,चंद्रमा, तारे, नक्षत्र, कुबेर सहित सभी ग्रहों को बंदी बनाकर अपने दरबार में खड़ा कर दिया। यहां तक कि ऋषि-मुनियों से कर मांगने लगा। चारों तरफ हाहाकार मच गया, तो घबराई हुई पृथ्वी भगवान शंकर के पास गईं और शंकर जी के साथ सभी देवी- देवता विष्णु की आराधना किये। इसके बाद आकाशवाणी हुई कि हे देवबंद घबराओ मत मैं निज अंशो सहित प्रकट होऊंगा। इस आश्वासन पर ऋषि-मुनियों और देवी-देवताओं को भरोसा हुआ।


 रावण की भूमिका में आलोक राय की गर्जना ने सजीवता पैदा किया। कुम्भकर्ण सूरज राय, विभीषण अभय राय ने सजीव रोल किया। कमेटी के अध्यक्ष पंकज पांडेय ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। मंच संचालन ओम प्रकाश राय ने किया। सभासद गुलशन टेलर,  शिवराम राय , गणेश राय, आशुतोष राय आंसू, अनीश राय ,चंदन राय, कजरू राय आदि ने व्यवस्था में सहयोग किया।

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