जांच रिपोर्ट पहुंच गई सीएमओ दफ्तर और साहब को पता ही नहीं

कई महीने पहले बच्चे की मौत की शिकायत पर गठित हुई थी कमेटी
सीएचसी के स्टाफ नर्स पर गर्भवती को दूसरे अस्पताल भेजने का आरोप
बिलरियागंज में नर्स के भरोसे फल-फूल रहा फर्जी अस्पताल का धंधा
बिलरियागंज (आजमगढ़) :  स्वास्थ्य महकमे में ऊपर से नीचे तक के खेल में सरकार की मंशा फेल होती नजर आ रही है। कभी मंडलीय जिला अस्पताल तो कभी जिला महिला अस्पताल किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहता है, तो बिलरियागंज सीएचसी पर तैनात एक स्टाफ नर्स की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। खास बात यह कि स्टाफ नर्स के खिलाफ जांच के लिए सीएमओ कार्यालय से दो महीने पहले दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई और उसमें रिपोर्ट भी भेज दी, लेकिन उस रिपोर्ट की जांनकारी ही सीएमओ को नहीं है, जबकि खुद सीएचसी प्रभारी जांच रिपोर्ट भेजने की बात कर रहे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर नीचे से ऊपर तक क्या खेल हो रहा है।
बात लगभग दो महीने पहले की है जब बिलरियागंज क्षेत्र के सोनू अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर सीएचसी गए थे। वहां पर तैनात एक नर्स ने महिला को सीरियस बताकर एक फर्जी अस्पताल भेज दिया। वहां पर मृत बच्चा पैदा हुआ, तो सोनू ने सीएचसी अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई। अधीक्षक ने सीएमओ को लिखा, तो डिप्टी सीएमओ सगड़ी डा. योगेश्वर प्रसाद और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक सतीश चंद की जांच कमेटी गठित की गई। डा. सतीश चंद का कहना है कि जुलाई में ही जांच रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय भेज दी गई, लेकिन सीएमओ ने किसी रिपोर्ट के मिलने से इन्कार कर दिया।

सीएमओ कार्यालय फिर पहुंची उसी नर्स की शिकायत
बिलरियागंज (आजमगढ़) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्टाफ नर्स द्वारा अस्पताल पर डिलेवरी के लिए आने वाली महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल में भेजने का मामला एक बार फिर मुख्य चिकित्साधिकारी तक पहुंच गया है। बिलरियागंज कस्बे के अरविंद गुप्ता और भगतपुर गांव के रामकुमार सिंह का आरोप है कि अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा कस्बे में ही एक निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। उस अस्पताल से सीएचसी पर कार्यरत स्टाफ नर्स से सांठगांठ है। अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को सीरियस बताकर आपरेशन के लिए उस अस्पताल में भेजकर मोटी कमाई की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक से की गयी शिकायत का भी कोई नतीजा नहीं निकला। मुख्य चिकित्साधिकारी से मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की गई है। 

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