वीर शहीद विरसा मुण्डा के उलगुलान ने उन्हें मानवीय मुक्ति का महानायक बनाया
मार्टिनगंज/आजमगढ़। वीर विरसा मुण्डा ने अंग्रेजी दासता और सामंतवादी शोषण के खिलाफ अपना जीवन लगा दिया। उनके स्वाभिमानी रास्ते पर चलकर वंचित समाज का आखिरी आदमी खुशहाली का इतिहास रच सकता है। ठेकमा विकास खंड के भूलनडीह गांव स्थित वनवासी बस्ती में क्रांति नायक विरसा मुंडा की 149वीं जयंती के अवसर पर मुख्य वक्ता आदिवासी वनवासी कल्याण समिति के प्रदेशाध्यक्ष हरीराम वनवासी ने उपरोक्त बातें कही उन्होंने वनवासी समुदाय को प्रगति की मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार, समाज और वनवासी बंधुओं का आह्वान किया।
उन्होंने पूर्व जिलाधिकारी नागेन्द्र सिंह प्रसाद और पूर्व खंड विकास अधिकारी प्रेमचंद राम के योगदान की प्रशंसा करते हुए उसे कायम रखने की जरूरत पर बल दिया। इस मौके पर नशाखोरी, अंधविश्वास ,आपसी विवाद से दूर रहने और शिक्षा के साथ ही बचत करने को जरूरी बताया विकास योजनाओं के समुचित लाभ का हक हासिल करने का संकल्प लिया। क्षेत्र के दर्जनों गांवों से हजारों वनवासी महिला पुरुषों ने धनुष बाण के साथ नारे लगाते हुए विरसा मुंडा की भव्य झांकी और जुलूस निकाला। जुलूस बरदह स्थित मंदिर स्थान से खर्रांठ वनवासी बस्ती तक ले जाया गया। जहां गोष्ठी में लोगों ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन हरिश्चंद्र वनवासी, अध्यक्षता चंद्रमोहन ने तथा संचालन शोभा वनवासी ने किया। मुख्य अतिथि शैलेन्द्र यादव उर्फ पप्पू प्रधान प्रतिनिधि रहे।
प्रमुख रूप से आमंत्रित अतिथि, कमला सिंह तरकश, क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेन्द्र यादव,कमला वनवासी, सुक्खू राम,राम अवध अंबेडकर नगर, नंदलाल प्रतापगढ, राजेश कुमार राय बबलू, सुनील पाठक, पप्पू राय, अनिल मौर्य, गुड्डू यादव, बेनी प्रसाद जौनपुर, रामनारायन मौर्य शिक्षक, अनिल विश्वकर्मा उपस्थित रहे।
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