विश्वकप फाइनल से पहले जुबानी जंग

फाइनल मेरे और मेरे साथियों करियर का सबसे बड़ा क्षण: रोहित 
भारतीयों को खामोश रखने के लिए बेहतर खेल दिखाना होगा : कमिंस
अहमदाबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने शनिवार को स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल उनके और उनके साथियों के करियर का DIPA सबसे बड़ा क्षण है। रोहित ने कहा कि उनके कप्तान बनने के बाद से ही टीम इस दिन की तैयारी कर रही थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया विश्व कप 2023 के फाइनल मुकाबले में रविवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आमने सामने होंगे।
मैच की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेसवार्ता में रोहित ने विपक्ष के बारे में चिता करने के बजाय अपने खेल पर टिके रहने और शांत रहने के महत्व पर जोर दिया। रोहित ने कहा, यह बिना किसी संदेह के एक बड़ा अवसर है। हमने अब तक जो भी सपना देखा है वह यहां है। पेशेवर खिलाड़ियों के लिए यह सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू है कि आप इस तरह की चुनौतियों को अपने दिमाग से कैसे दूर रखते हैं और अपना ध्यान केंद्रित रखते हैं। यह हमारे करियर का सबसे बड़ा क्षण है और शांत रहना महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं आप अपनी योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित कर सकते हैं। आपको रोजाना विश्व कप फाइनल खेलने का मौका नहीं मिलता। मैं 50 ओवर के विश्व कप को देखकर बड़ा

हुआ हूं इसलिए मेरे लिए यह सबसे बड़ा अवसर होगा।

रोहित ने कहा, जब से मैं कप्तान बना हूं तब से हमने इस दिन के BIRA लिए तैयारी की है। हमें प्रारूपों के अनुसार पिछले 2 वर्षों में खिलाड़ियों की पहचान करनी थी। हमने भूमिका स्पष्ट कर दी थी और कप्तान और कोच के बीच काफी चर्चा हुई थी। हमारे लिए इस मंच तक पहुंचना बहुत बड़ी बात है। हमने मानसिकता और भूमिकाएं स्पष्ट रखने की पूरी कोशिश की है। अब तक सब अच्छा चला है, उम्मीद है कि कल भी ऐसा ही होगा।

पर्दे के पीछे मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के काम की सराहना करते हुए रोहित ने कहा कि उन्होंने सभी को खुद को अभिव्यक्त करने की पूरी आजादी दी है। रोहित ने कहा, राहुल भाई का योगदान बहुत बड़ा है। उन्होंने हर किसी को आजादी दी है।

उन्होंने कहा, राहुल द्रविड़ की भूमिका बहुत बड़ी रही है, खासकर खिलाड़ियों को भूमिका स्पष्टता देने के मामले में। उन्होंने अपना क्रिकेट कैसे खेला और मैं अपना क्रिकेट कैसे खेलता हूं, इसमें काफी विरोधाभास है और कुछ चीजों पर सहमत होना, हमें वह स्वतंत्रता देना, उनके बारे में बहुत कुछ कहता है।

अहमदाबाद, वार्ता। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने अपने खिलाड़ियों को आगाह किया है कि आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में स्टेडियम में बैठे एक लाख 30 हजार भारतीय दर्शकों को शांत रखने के लिये उन्हे भारत के खिलाफ बेहतरीन खेल का मुजाहिरा करना पड़ेगा।

पांच बार के विश्व कप चैंपियन नरेन्द्र मोदी स्टेडियम पर 130,000 लोगों के सामने भारत से भिड़ेंगे तो उनकी निगाहें शोर के सैलाब की परवाह किये बगैर विश्वकप की चमचमाती ट्राफी पर होंगी। आईसीसी की रिपोर्ट की माने तो कमिंस को अच्छी तरह पता है कि स्टेडियम में अधिकांश प्रशंसक उनकी टीम के खिलाफ शोर मचा रहे होंगे। कमिंस चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन की बदौलत इस भीड़ को शांत रखें जिसका मनोवैज्ञानिक लाभ आस्ट्रेलिया को मिले।

कमिंस ने शनिवार को कहा, जाहिर तौर पर भीड़ एकतरफा होगी, लेकिन खेल में एक बड़ी भीड़ को चुप होते सुनने से ज्यादा संतुष्टिदायक कुछ नहीं है और कल हमारे लिए यही लक्ष्य है। आपको फाइनल के हर हिस्से को अपनाना होगा। यहां तक कि लीड-अप में भी शोर,

अधिक लोग और दिलचस्पी होने वाली है और आप अभिभूत नहीं हो सकते, आपको इसके लिए तैयार रहना होगा 3 और आपको इसेव पसंद करना होगा। उन्होंने कहा, बस इतना जान लो कि जो भी होगा, ठीक है। आप बस बिना किसी पछतावे के दिन खत्म करना= चाहते हैं।

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया ने लगातार आठ जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया है हालाकि टूनामेंट में भारत के 10 मैचों के अपराजित प्रदर्शन से उनकी जीत की लय कुछ हद तक कम हो गई है। कमिंस ने कहा हमारे लिए सुखद चीजो में से एक यह है कि मुझे अभी भी ऐसा व नहीं लग रहा है कि हमने पूरा खेल खेला है। हो सकता है कि हमें हर जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा है और हमने जीतने का रास्ता ढूंढ लिया है मगर अलग-अलग खिलाड़ी अलग-अलग समय पर खड़े हुए हैं।

कमिंस ने कहा, मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास रखते हुए, यह जानते हुए कि हमें किसी भी टीम को चुनौती देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने व की जरूरत नहीं है। हम इसके माध्यम व से एक रास्ता खोज सकते हैं और सभी व लड़कों को इससे कल के लिए काफी त आत्मविश्वास मिलेगा।

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