गरीब मजलूम व असहयों के मसीहा थे पूर्व सांसद बलिहारी बाबू : चांदनी आनंद


जयंती पर याद किए गए पूर्व सांसद बलिहारी बाबू
 
आजमगढ़। पूर्व सांसद बलिहारी बाबू का दूसरी जयंती हरिबंशपुर स्थित त्रिशरण बौद्ध बिहार प्रांगण में मनाया गया। इस दौरान भदन्त महाकश्यप, भिक्षु संघ व और बलिहारी बाबू की पत्नी सीता देवी, परिवारजनों व अन्य लोगो ने बलिहारी बाबू के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान उनकी पुत्री चांदनी आनंद व खुशबू आनंद के सहयोग से विद्यालय के बच्चों द्वारा चित्रकला और क्विज प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उनकी पुत्री व बलिहारी बाबू स्मृति सामाजिक सेवा संस्थान की राष्ट्रीय सचिव चांदनी आनंद ने कहा कि मेरे पिता डॉ आंबेडकर के विचारों को फैलाने का कार्य किए व हमेशा सामाजिक कार्यों में आगे रहे तथा गरीब, मजलूम व असहयों की सेवा में लग रहे। उनका कहना था कि गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि यदि आज हमारे पिता होते तो जनपद की राजनीति किसी और दिशा में होती, और यदि कहीं भी अत्याचार होता तो हमारे पिता उस अत्याचार के खिलाफ डटकर खड़े होते हैं। इसी क्रम में उन्होंने बच्चों से कहा कि कठिन परिश्रम व मजबूत इरादे से ही सफलता मिलती है, इसलिए सभी लोग अपनी सफलता के लिए निरंतर कार्यरत रहे। इस दौरान वक्ताओं ने बलिहारी बाबू को डा० भीमराव अंबेडकर, कांशीराम और डा0 राममनोहर लोहिया के विचारों से ओत-प्रोत बुद्ध विचारधारा का अनुयायी बताया। इस मौके पर चंद्रदीप, अनंतशील कौशांबी, जागृति आनंद, सिम्मी, पुष्पा, सहदेव प्रधान, जीएस प्रियदर्शी, राजेंद्र प्रसाद, पंचम राम, रवि भूषण भारती, डा0 एस के भारती, जगधारी बौद्ध सहित तमाम लोग और विद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ