कांशीराम ने अपने हक-अधिकार की लड़ाई लड़ने का गुर सिखाया: डॉ. विजय प्रताप

कांशीराम की जयंती पर बसपाईयों ने मायावती को प्रधानमंत्री बनाने का लिया संकल्प

आजमगढ़। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की जयंती शुक्रवार को बसपा जिला कार्यालय पर विचार संगोष्ठी के रूप में आयोजित की गई। मुख्य अतिथि के रूप में आजमगढ़ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी व पूर्व एमएलसी डा. विजय प्रताप व विशिष्ट अतिथि आजमगढ़ मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी हरिश्चन्द्र गौतम रहे। सर्वप्रथम बसपाजनों द्वारा कांशीराम के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। वहीं वक्ताओं द्वारा उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। अध्यक्षता पूर्व सांसद लालगंज डा बलिराम एवं संचालन जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने किया। अंत में आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा को ऐतिहासिक जीत दिलाकर बसपा प्रमुख को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लिया गया। विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य सेक्टर प्रभारी डा विजय प्रताप ने कहा कि बसपा संस्थापक कांशी राम ने दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों व गरीब मजदूर को अपने हक-अधिकार की लड़ाई लड़ने का गुर सिखाया। आज जिस तरह से वर्तमान सरकार दलितों, पिछड़ों व नौजवानों, बेरोजगारों को उनके हक अधिकार के लिए अन्याय पूर्ण रवैया अपनाया है तथा संविधान में निहित अधिकार को समाप्त कर रही है। मुख्य सेक्टर प्रभारी हरिश्चद्र गौतम ने कहा कि बसपा संस्थापक कांशीराम के मिशन को पूरा करने का कार्य बसपा प्रमुख बहन कुमारी मायावती जोर-शोर से कर रही है। उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख को प्रधानमंत्री बनाकर ही सामाजिक परिवर्तन का स्वप्न साकार हो सकता है। अध्यक्षीय संबोधन में पूर्व सांसद लालगंज डा बलिराम ने कहाकि 15 मार्च, 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले के एक गांव खवासपुर में कांशीराम का जन्म हुआ था।


आजमगढ़ मंडल मुख्य प्रभारी विनोद चौहान व शंकर यादव, अरूण पाठक, रामजन्म मौर्य, डा रामविलास भाष्कर, अबरार अहमद, श्री राम राजभर आदि ने बताया कि बसपा संस्थापक कांशीराम ने अपने जीवन काल  में लम्बे समय तक तिरस्कृत व बिखरे पड़े लोगों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान कारवाँ को देश की राजनीति में नई मजबूती व बुलन्दी दिलाने का काम किया। जिसके लिए वे सदैव याद किए जाएंगे। इस अवसर पर विस अध्यक्ष सदर अमरनाथ गौतम, सीपी विमल सगड़ी, संजय कुमार अतरौलिया, रामपूजन निजामाबाद, राजेश कुमार मेंहनगर, चन्द्रधारी सुमन फूलपुर, विनोद कुमार दीदारगंज, श्याम राजभर लालगंज, पारस, केशव भारती, राशिद, दीपक एडवाकेट आदि बसपाजन मौजूद रहे।

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