बलिया : विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन बलिया के जनपदीय एवं ब्लॉक पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में पुरानी पेंशन बहाली, डिजिटलाइजेशन, अवशेष देयकों का भुगतान, उपार्जित अवकाश आदि का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा। जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे ने कहा कि पेंशन बहाली के जिस मुद्दे को संगठन शुरू किया था, अब वह वट वृक्ष का रूप ले लिया है। पुरानी पेंशन की लड़ाई अनवरत जारी रहेगी। लोकसभा चुनाव में हम वोट फॉर ओपीएस की मुहिम को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
डिजिटलाइजेशन जैसे अव्यावहारिक और तुगलकी फरमान पर पुरजोर विरोध दर्ज करते हुए डॉ. चौबे ने कहा कि वर्तमान में सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से शिक्षकों को लेकर एक नकारात्मक माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। बेसिक शिक्षा परिषद एक प्रयोगशाला बनकर रह गया है जिसके दीर्घकालिक दुष्परिणाम को नकारा नहीं जा सकता। हुक्मरान अपने जिद्दी रवैयों में इस कदर मशगूल है कि उन्होंने प्रदेश के मुखिया तक को दिग्भ्रमित कर रखा है, ऐसी स्थिति में एसोसिएशन रणनीतिक रूप से योजना बनाकर तुगलकी फरमानों का विरोध करेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद बलिया के मंत्री वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि पुरानी पेंशन की लड़ाई जारी है। राष्ट्रीय स्तर पर 1 मई को रेलवे सहित अन्य विभाग हड़ताल की नोटिस सरकार को दिए है। यह कभी नहीं माना जाएगा कि यह लड़ाई की अंतिम नोटिस है। हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक यह मांग पूरी ना हो जाये। संरक्षक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रबंधन का यह परमदायित्व होता है कि उद्देश्य की संप्रति के लिए भौतिक मानवीय तथा आर्थिक संसाधनों का समायोजन करें ना कि मशीन की तरह व्यवस्था का यंत्रीकरण, जो विभाग समय से स्थानांतरण नहीं कर सकता। समय से पदोन्नति नहीं कर सकता। बकाया देयकों को नहीं दे सकता, वह किस तरह शिक्षकों के साथ न्याय का झूठा दिखावा कर सकता है।
प्रांतीय संगठन मंत्री पवन राय ने कहा कि संगठन ने मुख्यमंत्री एवं महानिदेशक को मांग पत्र देकर मांग किया था कि डिजिटलाइजेशन व्यवस्था लागू करने से पूर्व अनुकूल वातावरण का सृजन करने हेतु शिक्षकों की तार्किक समस्याओं का समाधान किया जाए। लेकिन न्यायोचित शिक्षक समस्याओं के प्रति विभाग उदासीन बना हुआ है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवनीश सिंह ने कहा कि संगठन हर अव्यवहारिक प्रमाणों का तब तक विरोध करेगा, जब तक अर्जित अवकाश, हाफ डे आकस्मिक अवकाश, प्रतिकर अवकाश, एमडीएम सहित सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति, विद्यालय अवधि में विद्यालय सरकारी कार्यों को करने की अनुमति, डाटा, सिम, नेटवर्क आदि की व्यवस्था ऑनलाइन उपस्थिति में व्यावहारिकता आदि के साथ प्रत्येक विद्यालयों पर एक कंप्यूटर ऑपरेटर की व्यवस्था न हो जाए। मानव संपदा को अव्यवहारिक फरमानों से यंत्रीकरण नहीं किया जा सकता है। बैठक को अवनीश कुमार सिंह, राजेंद तिवारी, नित्यानंद पांडेय, डॉ. आशुतोष शुक्ला, जनार्दन दुबे, जितेंद्र यादव, अनिल सिंह, अरविंद श्री रश्मि, शर्मानाथ यादव, प्रेम जी गुप्ता, अखिलेश सिंह, संजीव कुमार सिंह, प्रभाष सिंह, अजीत यादव, प्रवीण दुबे, ओमकार पांडे, मु. अतहर इर्शाद, नंदलाल वर्मा, सुरेश वर्मा, योगेंद्र नाथ वर्मा, सुनील गुप्ता, राम नारायण यादव, परशुराम यादव, जितेंद्र वर्मा, संजय सिंह, अनिल कुमार, संजय सिंह, सुनील गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, संदीप सिंह, किशन पासवान, विजय कन्नौजिया, कमलेश यादव, अवधेश सिंह, सुनील अंचल, रोहित यादव, अभय राठौर, जितेंद्र कुमार यादव, मनीष सिंह, जय शंकर प्रसाद, मनोज गुप्ता, अरुण मिश्रा, राहुल कुमार, मनीष मिश्रा, अनिल कुमार, अजीत कुमार, मनोज कन्नौजिया, अरविन्द पांडेय, शत्रुघ्न यादव, गिरिजा शंकर यादव, प्रमोद कुमार, दिनेश कन्नौजिया, बिपेंद्र कुमार, अजीत कुमार, सिंह, अंजनी सिंह, शैलेंद्र प्रसाद, हरिश्चंद्र कुशवाहा, जुगेश कुमार, नंद जी, मदन जी, हरिहर नारायण, हरिंद्र प्रसाद, मनीष सिंह, शिवप्रकाश सिंह, अरविंद कुमार सिंह अहमद शिबली, इंद्रजीत कुमार मेहता आदि नें संबोधित किया। संचालन जिलामंत्री धीरज राय ने किया।
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