गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सालिम अंसारी ने कहा कि डा. भीम राव अम्बेडकर जी जिस दबे, कुचले समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए अपना पूरा जीवन दिया, उससे पूरा समाज ऋणी रहा है और रहेगा। उन्होने कहा कि हमारे महापुरुषो में बाबा साहेब अलग इसलिए भी दिखते है क्योंकि अन्य लोगो ने जहा समाज को मार्ग दिया है वही पर बाबा साहेब ने मार्ग के साथ हमें भारत की सत्ता और समाज में मुख्य धारा में पहुंचने के लिए भारत के संविधान में हमें अधिकार भी दिलाया, जिसके कारण समाज का चाहे कोई तपका कितना भी कमजोर हो उसकी भी प्रासंगिकता और अहमियत सत्ता के सामने सदैव बनी रहेगी।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर ने कहा कि अम्बेडकर वादी आन्दोलन से हम पिछड़े वर्गो को राजनैतिक शक्ति के रूप में उभरने का बड़ा मौका प्राप्त हुआ। हमारे तमाम नेता भी पैदा हुए और राजनीति मे सरोकार भी बढ़ा। मगर दुर्भाग्य है कि हम तथ्य को न समझ कर ऐसी शक्तियों के साथ जुड़ गए जहां केवल हमारा पतन ही होना है, हम पिछडेत्र लोगों को अब से पूरी ताकत बहन जी के नेतृत्व में अम्बेडकर वादी आन्दोलन से जुड़ कर शक्ति प्रदर्शन करना होगा तभी हमारे समाज का उद्धार होगा।
सबीहा अंसारी ने अल्पसंख्यक समाज से गुजारिस किया कि देश में अपने को दूसरे समाज की तरह सक्षम बनाना है तो वह केवल बहुजन समाज पार्टी से होकर गुजरता है।
हरिश्चन्द्र गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि यह तो हमारे सामने है कि जब देश की पूंजीपतियो से वर्तमान सरकार के इशारे पर अनैतिक चंदे का बंटवारा किया जाता है, तो उसमें बसपा को चंदा नहीं मिलता जिसका कारण यह है कि भाजपा सरकार चाहती है कि भले कांग्रेस, सपा, ममता बनर्जी सहित तमाम दल आर्थिक मजबूती पाकर मिल कर बसपा के विरुद्ध लड़े, हमें गुमराह करे और फिर हल्ला मचाते है कि बसपा भाजपा के साथ है, जबकि सच्चाई यह है कि सभी राजनैतिक दल बसपा को कमजोर करने के लिए तमाम तरह से झूठी अफवाह फैलाते है। मगर सच्चाई यह कि बसपा अकेले कमजोर, निर्धन और आर्थिक रूप से कमजोर लोग एवं दलित समाज जो मुख्य धारा में पहुंचने से रोकने के लिए शिक्षा, धन और अधिकार से वंचित किए जा रहे है कि लड़ाई अनवरत लड़ रही है, अगर अब भी हम गुमराह हुए तो हमारे समाज का बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है, हम बसपा से जुड़ कर पूरे समाज का भला कर सकते है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डा. बलिराम जी ने कहा कि आजादी के बाद से सत्तासीन दल उस तरकीब में लगे रहे कि दबा, कुचला, गरीब और वंचित समाज संवैधानिक अधिकार रहते हुए भी गरीब, कमजोर और सत्ता विहीन बना रहे। मगर बाबा साहब हारा प्रदत्त अधिकार के बारे में जब मा० कांशीराम साहब बता दिए हमे जगा दिए तब उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में हम चार बार सरकार के शीर्ष पर पहुंचे। लेकिन हमारी बेहतरी से दुखी लोग झूठ के सहारे हमे बरगलाने में कामयाब हो गए, हमे समझना होगा और बाबा साहब के जीवन के तमाम संघर्ष और आदेश तथा प्रदत्त अधिकार को समझना होगा, तथा बसपा के आन्दोलन में अपने को सम्मिलित करना होगा। यही हमारी बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजली होगी।
विचार गोष्ठी मे मुख्य रूप से अपना विचार व्यक्त करने वालों में चेतई रामजी, इंन्दू चौधरी, अरुण पाठक, शंकर यादव, ओंकार शास्त्री, मशहूद अंसारी, आफताब, रामजन्म मौर्य दीपक कुमार एडवो., मनोज यादव, अमित सतपाल, केशव भारती, मुस्तनीर फराही, रामजीत चौहान, गया प्रसाद, तारीक हसन, रामशब्द, जगदीश प्रसाद, हवलदार, जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार रहे।
इस दौरान मण्डल, जिला, विधानसभा, सेक्टर एवं बूथ के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे।
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