उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हिंसा की समस्या गंभीर है।
कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 2017 से दलित हत्या के संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के अनुसार, 2018 से 2021 तक उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराध के 49,613 मामले दर्ज किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से कुछ में हत्याएं भी शामिल हैं। एक मामले में सुल्तानपुर में एक 18 वर्षीय दलित युवक की हत्या कर दी गई थी, जब उसने अपनी मजदूरी के लिए 1,200 रुपये मांगे थे। इस मामले में एक आरोपी ने आत्मसमर्पण कर दिया है और पुलिस हिरासत में है।
बरेली, अयोध्या, लखनऊ सहित कई जिलों में दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाएं देखने को मिली। जिनमे से कई मामलों में पुलिस में तत्काल कार्यवाही की तो कई मामलों में अभी भी पुलिस के हाथ खाली है। ऐसा लगता है, कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल खस्ताहाल हो चुकी है, सरकार तो दावा कर रही है, कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित है, परंतु हर दिन कहीं ना कहीं किसी न किसी जिले में दलित बालिकाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसी घटनाएं सरकार की छवि को लिए अच्छी नहीं साबित हो रही हैं, और सरकार वेवस दिखाई दे रही है। इन घटनाओं से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हिंसा की समस्या गंभीर है, और इसके लिए कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
0 टिप्पणियाँ