आरोप : निजी प्रबंधकों व निजी प्रकाशकों के सांठ-गांठ से अभिभावकों का हो रहा आर्थिक शोषण
अभिभावक महासंघ ने जिला प्रशासन को शिकायती पत्र सौंप उठाई आवाज
आजमगढ़। एनसीईआरटी की ही पुस्तकों से स्कूलो में पढ़ाए जाने को लेकर अभिभावक महासंघ के महासचिव गोविन्द दुबे की अगुवाई में एक बार फिर अभिभावक लामबंद दिखे। अभिभावक महासंघ का एक प्रतिनिधिंडल कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन से मिला और जिलाधिकारी/अध्यक्ष, स्व वित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क नियामक समिति को संबोधित ज्ञापन सौंपकर मुनाफाखोरों पर लगाम लगाने की मांग किया।
प्रदेश अध्यक्ष युधिष्ठिर दुबे ने बताया कि विगत कई वर्षो में निजी विद्यालय प्रबंधक एवं निजी प्रकाशकों के सांठ-गांठ से मुनाफाखोरी का पूरे प्रदेश में एक तंत्र विकसित हो गया है, जनपद आजमगढ़ के अभिभावक भी इस मुनाफाखोर गठबंधन से काफी पीड़ित हैं। एनसीईआरटी की पुस्तकें सस्ती और शासन के मानकों के अनुरूप है वहीं निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का बाजार मूल्य काफी ज्यादा हैं ऐसे में अभिभावकों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है।
समाजसेवी व महासचिव गोविन्द दुबे ने कहाकि अपने चहेते निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को अपने स्कूलों में लागू कराकर प्रकाशकों से सांठ-गांठ कर अभिभावकों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। ऐसे मुनाफाखोर तंत्र का अभिभावक महासंघ पूरजोर विरोध करता है और अभिभावक हित में एनसीईआरटी की पुस्तकों लागू कराने की मांग करता है। समाजसेवी विवेक पांडेय व विनीत सिंह रीशू ने बताया कि अभिभावकों द्वारा बताया जा रहा है कि निजी प्रकाशको की पुस्तके एनसीईआरटी की पुस्तकों की अपेक्षा चार से पांच गुना अधिक महंगी हैं जिसके कारण अभिभावकों का शोषण हो रहा है, जिला प्रशासन हस्तक्षेप करके एनसीईआरटी की पुस्तकों से बच्चों को शिक्षा देने का निर्देश जारी किया जाना अनिवार्य है।
इस अवसर पर अरूण चौरसिया, आलोक कुमार पाठक, प्रदीप चौरसिया, अजय राय, आकाश शर्मा, अनूप गोंड, सतीश कुमार सिंह, सुरेंद्र उपाध्याय,सुजीत मिश्रा, अंजनी मिश्र, अरविन्द कुमार पांडेय, अरविन्द पांडेय, अजय नरायन पाठक, रविन्द्र कुमार, शशिबिन्द शर्मा, देवनाथ सिंह, ज्योति प्रकाश श्रीवास्तव, विनीत सिंह रीशू, राजू सोनी, विवेक कुमार पांडेय, अनिल तिवारी, भानु सिंह, अनिल वर्मा आदि मौजूद रहे।
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