आजमगढ़ में ही 2662 वक्फ सम्पत्ति होने के बावजूद गरीब मुसलमानों को नहीं मिला उसका कोई लाभ: दानिश अंसारी

आजमगढ़! भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिलाध्यक्ष सदर ध्रुव कुमार सिंह की अध्यक्षता में सिधारी स्थित होटल के सभागार में वक्फ सुधार जनजागरण अभियान के अन्तर्गत अल्पसंख्यक प्रबुद्ध संवाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
अल्पसंख्यक प्रबुद्ध संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दानिश आजाद अंसारी मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार मौजूद रहे।इस अवसर पर मुख्य अतिथि दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि जो जो संपत्ति मुस्लिम भाईयों के द्वारा दान कर दी गई है और जिसका स्तेमाल धार्मिक कार्यों और सामाजिक कार्यों में किया जाएगा वह वक्फ सम्पत्ति है । धार्मिक कार्य में स्तेमाल का मतलब जिसपर मस्जिद बने, मदरसा बने, ईदगाह बने वह धार्मिक स्तेमाल है । सामाजिक कार्य वह जिस वक्फ संपत्ति पर स्कूल कालेज बने अस्पताल बने और उसमें मुसलमान के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा मिले अस्पताल में गरीब मुसलमानों का मुफ्त में इलाज हो। वक्फ संपत्तियों पर दुकानें बनाकर गरीब मुसलमानों से कम किराए पर दे दी जाए जिससे गरीब मुसलमानों का भला हो । मैं दावे के साथ कहता हूं की आजमगढ़ के मुसलमानों को यह पता नहीं है कि आजमगढ़ में 2662 वक्फ संपत्ति मौजूद हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं आजमगढ़ में ही 2662 वक्फ सम्पत्ति होने के बावजूद गरीब मुसलमानों को उसका कोई लाभ नहीं मिला है। एक भी स्कूल कालेज अस्पताल गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए वक्फ सम्पत्ति पर नहीं खुला है। आजमगढ़ ही नहीं पूरे आजमगढ़ मण्डल में भी किसी मुसलमान के भले के लिए कोई स्कूल कालेज अस्पताल वक्फ की सम्पत्ति पर नहीं खुला है । आजमगढ़ मंडल ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में वक्फ की सम्पत्ति से मुसलमानों का भला करने के लिए कोई स्कूल कालेज अस्पताल नहीं खोला गया है। आजादी मिले 75 साल हो गये कांग्रेस सरकार केन्द्र में लम्बे समय तक रही बहुत सी सरकारें आईं और गईं वह चाहते तो वक्फ सम्पत्ति के माध्यम से गरीब मुसलमानों के भले का काम कर सकती थी लेकिन किसी ने भी गरीब मुसलमानों के भले के बारे में कोई कदम नही उठाया। आजादी के 75 साल बाद भी यह काम नहीं हुआ इसीलिए मोदीजी को गरीब मुसलमानों के भले के लिए वक्फ संसोधन विधेयक लाना पड़ा। वक्फ की सम्पत्ति खुदा की सम्पत्ति है जिसे इसलिए दान किया गया है कि जिससे गरीब मुसलमानों का भला हो सके।वक्फ की सम्पत्ति पर बहुत सी दुकानें बनी है उन दुकानों को जो वक्फ संपत्ति का मुतवल्ली बना है वह अपनी जान पहचान और रिस्तेदारो को दे देता है किसी गरीब जरुरतमंद मुसलमान को वह दुकान नहीं देता। क्या गरीब मुसलमानों का भला नहीं होना चाहिए। खाली पड़ी वक्फ की जमीन पर स्कूल बने कालेज बने अस्पताल बने दुकानें बने और गरीब मुसलमानों का भला हो इसके लिए वक्फ संसोधन विधेयक लाया गया है। वक्फ की सम्पत्ति का स्तेमाल चंद लोग अपने फायदे के लिए कर रहे हैं गरीब मुसलमानों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। मोदीजी गरीब मुसलमानों को उनका हक दिलाना चाहते हैं । जो काम मोदीजी करना चाहते हैं वह काम तो हम सभी मुसलमानों को पहले ही खुद से कर लेना चाहिए था। वक्फ क़ानून में संसोधन पहली बार नहीं हो रहा है 1954 में 1995 और 2013 में वक्फ क़ानून में संसोधन उस समय की जरूरत को देखते हुए पहले की सरकारें कर चुकी है।

इस अवसर पर अरविंद जायसवाल, प्रेम प्रकाश राय, इस्माइल फारूकी, अवनीश मिश्रा, विभा बर्नवाल, प्रोफेसर शाह वाजिद, एडवोकेट रिजवान कै़सर, , प्रधानाचार्य मेराज मिसबाही, मदरसा प्रधानाचार्य हाफिज तौरीक अहमद, सभासद नजराना अंसारी , सभासद मंसूर अहमद , हसन नसीम, परवेज आजमी विवेक निषाद औरमुस्लिम समाज के प्रबुद्ध जन मौजूद रहे

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