प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद महिला ममतेश काफी देर तक सड़क पर तड़पती रही लेकिन समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची।
मुजफ्फरनगर। जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मन्धेडा में शुक्रवार को एक मामूली विवाद ने तीन जिंदगियां छीन लीं। दो पक्षों के बीच नाली की सफाई को लेकर शुरू हुआ विवाद, सड़क दुर्घटना में तब्दील हो गया, जिसमें एक ही परिवार की दो महिलाएं और एक अन्य युवक की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है2:20जैसे ही कार मीरापुर चौकी क्षेत्र के किनोनी गेट के पास पहुंची, तभी तेज गति से जा रही कार ने एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की, लेकिन सामने से आ रही एक बाइक (UP 17 A 6242) से सीधी भिड़ंत हो गई।
बाइक पर सवार थे कपिल पुत्र ब्रह्मपाल व उनकी पत्नी ममतेश, निवासी ग्राम खानपुर, थाना बुढ़ाना। कपिल मेहनत-मजदूरी करता था और अपनी पत्नी के साथ बुढ़ाना की ओर जा रहा था।भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि कपिल की मौके पर ही मौत हो गई। उसकी पत्नी ममतेश और कार में बैठी रमेशो गंभीर रूप से घायल हो गईं। वहीं कार पलटकर सड़क के दूसरी तरफ जा गिरी, जिससे सुरेंद्र, दीपक और शुभम भी गंभीर रूप से घायल हुए। सूचना पर पहुंची थाना शाहपुर पुलिस ने घायलों को तत्काल जिला चिकित्सालय पहुंचाया, लेकिन उपचार के दौरान ममतेश और रमेशो की भी मौत हो गई।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद महिला ममतेश काफी देर तक सड़क पर तड़पती रही लेकिन समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची। घायल कार सवारों ने अपनी ओर की महिला को तो बाइक पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा दिया, मगर ममतेश को काफी देर तक किसी ने नहीं उठाया। बाद में पुलिस की गाड़ी से उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यदि समय पर एम्बुलेंस पहुंचती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।थाना शाहपुर पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक कपिल के भाई अनिल पुत्र ब्रह्मपाल ने कार सवारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। क्षेत्राधिकारी बुढाना गजेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह घटना गांव में हुए विवाद के बाद पैदा हुई स्थिति का ही परिणाम प्रतीत होती है। मामले की विस्तृत जांच जारी हैमृतक कपिल और ममतेश की एक साथ अर्थी उठने से खानपुर गांव में मातम का माहौल है। बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उधर, मन्धेडा गांव में भी रमेशो की मौत से सुरेंद्र का पूरा परिवार सदमे में है। एक मामूली विवाद ने तीन घरों को उजाड़ दिया, जिसका दर्द पूरे जिले ने महसूस किया।
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