Azamgarh:विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन!

विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में आजमगढ़ में कर्मचारियों का जोरदार प्रदर्शन

पीपीपी मॉडल की शर्तों को कर्मचारी संगठनों ने बताया अव्यवहारिक और अस्वीकार्य

निजीकरण से बिजली महंगी होगी, उद्योग और शिक्षा पर पड़ेगा असर: संघर्ष समिति
आजमगढ़! पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के पीपीपी मॉडल के तहत प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ आज सिधारी स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया। यह विरोध सभा विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर आयोजित की गई, जिसमें राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ सहित अन्य संगठनों के सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया।
विरोध सभा में केन्द्रीय प्रतिनिधिमंडल की भी उपस्थिति रही। सभा को संबोधित करते हुए अभियंता संघ के केन्द्रीय महासचिव ई. जितेन्द्र गुर्जर ने कहा कि प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने पीपीपी मॉडल की तीनों प्रस्तावित शर्तों को अव्यवहारिक व अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में कठिन प्रतियोगी परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से नियुक्त कर्मचारी निजी कंपनी के अधीन कार्य करने के इच्छुक नहीं हैं।
सभा में यह भी कहा गया कि निजीकरण के बाद बिजली महंगी होगी, जिससे आम उपभोक्ता, उद्योग, शैक्षणिक संस्थान एवं कुटीर उद्योग सभी प्रभावित होंगे। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि किसी भी कर्मचारी के उत्पीड़न की स्थिति में संगठन को कठोर कदम उठाने पड़ सकते हैं।
सभा की अध्यक्षता इं. शत्रुघ्न यादव एवं संचालन प्रभु नारायण पाण्डेय 'प्रेमी' ने किया। इस अवसर पर इं. उपेंद्र नाथ चौरसिया, अशेष सिंह, जय प्रकाश यादव, धीरज पटेल, चन्द्रशेखर, निखिल शेखर सिंह, राज नारायण सिंह, चन्द्रजीत यादव, एस.एन. सिंह, मिथिलेश सिंह, हेमंत यादव, अखिल पाण्डेय एवं चन्द्रमा राम समेत कई कर्मचारी उपस्थित रहे।
संवाददाता-अमित कुमार गौतम 

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