संवाददाता -सत्यम
आजमगढ़। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई और प्रभावशाली पहल करते हुए भोजपुरी विकास संस्थान ने जिलाधिकारी, आजमगढ़ को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें हर नवजात शिशु के जन्म पर एक पौधा लगाने की योजना को लागू करने का अनुरोध किया गया है। यह प्रस्ताव संस्थान के राष्ट्रीय प्रमुख सलाहकार देवनाथ सिंह द्वारा भेजा गया है।
संस्थान का मानना है कि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और वनों की कटाई के इस दौर में समाज को प्रकृति के साथ जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। यदि हर शिशु के जन्म पर पौधारोपण किया जाए, और उस पौधे को बच्चे के नाम से जोड़ा जाए, तो यह पर्यावरणीय चेतना को जनमानस तक पहुंचाने का प्रभावी माध्यम बन सकता है।
इस अवसर पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष सिंह समेंदा ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि, "भविष्य की पीढ़ियों को स्वच्छ हवा, हरियाली और सुरक्षित पर्यावरण देना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।"
राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आलोक सिंह ने इसे "जनचेतना का प्रतीक" बताया और समाज से इसमें सहभागिता की अपील की। आजमगढ़ के जिला अध्यक्ष विजय सिंह ने बताया कि जिले में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए संस्थान पूरी तरह से सहयोग करेगा।
इस योजना के प्रमुख लाभों में शामिल हैं:
जन्म का एक भावनात्मक एवं पर्यावरणीय स्मृति-चिह्न
हरियाली और ऑक्सीजन संतुलन में वृद्धि
समाज में प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व की भावना
बच्चों में प्रारंभ से ही वृक्षारोपण के प्रति प्रेम और जुड़ाव
संस्थान ने सुझाव दिया है कि इस योजना को जननी सुरक्षा योजना या मिशन लाइफ जैसी स्वास्थ्य/पर्यावरणीय योजनाओं से जोड़ा जा सकता है। साथ ही स्थानीय पंचायत, वार्ड या नगर निकाय को निगरानी हेतु जिम्मेदारी दी जाए।
डॉ. मदिन्दर सिंह सहित संस्थान के अन्य पदाधिकारियों ने भी इस पहल को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि यदि इसे लागू किया गया तो आने वाले वर्षों में आजमगढ़ जनपद एक हरित मॉडल जिला बन सकता है।
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