जीसी पब्लिक स्कूल की मान्यता फर्जी कागजों पर, DIOS ने DM को सौंपी रिपोर्ट....

एक बार फिरविवादों के घेरे में नई मंडी क्षेत्र स्थित जीसी पब्लिक स्कूल।

संवाददाता -योगेश कुमार 
मुजफ्फरनगर। नई मंडी क्षेत्र स्थित जीसी पब्लिक स्कूल एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) द्वारा जिलाधिकारी (डीएम) उमेश मिश्रा को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि स्कूल ने सीबीएसई मान्यता फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल प्रबंधन के पास न तो भू-स्वामित्व से जुड़े वैध दस्तावेज़ हैं और न ही मान्यता के लिए आवश्यक शर्तें पूरी की गई हैं।इस प्रकरण में स्थानीय निवासी नवनीत अग्रवाल द्वारा वर्षों से आवाज उठाई जा रही है। मोहल्ले के अन्य लोगों व समाजसेवियों ने भी स्कूल की अवैधता को लेकर समय-समय पर प्रशासन को ज्ञापन और संयुक्त हलफनामे सौंपे। बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थीडीआईओएस की जांच में यह भी सामने आया है कि स्कूल की जूनियर और सीनियर विंग की इमारतें मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (एमडीए) द्वारा 2016 में ही गिराने के आदेश दिए जा चुके हैं। लेकिन अवैध निर्माण अब भी जस का तस खड़ा है।
स्कूल का प्लेग्राउंड और भवन के बीच की सरकारी सड़क और नाले पर भी अवैध कब्जा है, जो सीबीएसई मान्यता के नियमों का सीधा उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई मान्यता प्राप्त करने के लिए स्कूल परिसर का एक ही भूखंड पर होना आवश्यक है।
ग्रेन चैंबर इंटर कॉलेज की ज़मीन (खसरा संख्या 329, ग्राम यूसुफपुर) को दर्शाकर फर्जी तरीके से सीबीएसई से मान्यता प्राप्त की गई, जबकि यही भूमि पहले ही यूपी बोर्ड से ग्रेन चैंबर इंटर कॉलेज के नाम पर दर्ज है और वह कॉलेज वर्षों से सरकारी अनुदान ले रहा है।डीआईओएस की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जीसी पब्लिक स्कूल ने खुद 20 से अधिक बार अपनी रिपोर्ट में भू-स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज न होने की बात स्वीकार की है। इसके बावजूद नगर पालिका और राजस्व विभाग द्वारा एमडीए में नक्शा स्वीकृति के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी कर दिया गया, जो प्रशासनिक मिलीभगत का प्रमाण है।
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में भी नवनीत अग्रवाल और उनके पिता पूरन चंद द्वारा अवैध अतिक्रमण और फर्जी मान्यता के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं, जो फिलहाल लंबित हैं
डीआईओएस द्वारा मांगी गई दस्तावेज़ी पुष्टि में भी स्कूल प्रबंधन असफल रहा है, जिससे अब जीसी पब्लिक स्कूल की सीबीएसई मान्यता रद्द होने की संभावना तेज हो गई है। इस खुलासे के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में भारी चिंता का माहौल है।

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