'अच्छे दिन' जैसी जुमलेबाज़ी व चुनावी छलावा ज़्यादा लगता है"
पटना/लखनऊ। बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मी के बीच बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राज्य में एक करोड़ रोजगार देने की घोषणा को चुनावी छलावा और जनता को भ्रमित करने की कोशिश बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए मायावती ने लिखा, बिहार में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति की राष्ट्रीय चर्चाओं के बीच, संभवतः लोगों का ध्यान बाँटने के लिए, राज्य में एनडीए गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा चुनाव बाद सरकार बनने पर अगले पाँच साल में एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोज़गार उपलब्ध कराने की घोषणा वास्तव में लोगों को हकीकत से दूर, उनके अनुभवों के आधार पर, 'अच्छे दिन' जैसी जुमलेबाज़ी व चुनावी छलावा ज़्यादा लगता है"।
मायावती ने यह भी कहा कि जनता अब राजनीतिक दलों के चाल, चरित्र और चेहरे को भलीभाँति पहचानती है। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधी पार्टियाँ चुनाव से पहले लोकलुभावन वादों की बौछार करती हैं, लेकिन उनका उद्देश्य सिर्फ वोट बटोरना होता है।
बसपा प्रमुख ने चुनाव आयोग से मांग की कि आगामी चुनाव बाहुबल, धनबल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त, पूर्णतः स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। उन्होंने ज़ोर दिया कि ग़रीबों, मज़दूरों और मेहनतकश वर्गों को वोट देने का पूरा अवसर मिलना चाहिए। मायावती का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जहाँ विपक्ष अब केवल आलोचना नहीं बल्कि जनता के अनुभवों को आधार बनाकर सरकार की घोषणाओं को चुनौती दे रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बयान को किस रूप में लेती है — सच की आवाज़ या चुनावी शोर।
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