अग्नि-5 का सफल परीक्षण: भारत की परमाणु शक्ति का नया अध्याय, चीन-पाकिस्तान में बढ़ी हलचल!

नई दिल्ली। भारत ने अपनी सबसे उन्नत और खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर एशिया के शक्ति संतुलन में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। MIRV (Multiple Independently Targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस यह मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है—वो भी हजारों किलोमीटर दूर, चाहे वो चीन हो या पाकिस्तान का कोई कोना।
🛡️ क्या है MIRV तकनीक?  
MIRV तकनीक के जरिए एक ही मिसाइल में कई परमाणु वारहेड लगाए जा सकते हैं, जो अलग-अलग दिशाओं में जाकर अपने-अपने लक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं। इससे भारत की प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ गई है।
🌏 एशिया में शक्ति संतुलन की नई परिभाषा  
इस परीक्षण के बाद भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए तैयार है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी किसी भी खतरे का जवाब देने में सक्षम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम चीन की आक्रामक नीति और पाकिस्तान की अस्थिरता के खिलाफ भारत की ठोस तैयारी को दर्शाता है।
🚨 चीन-पाकिस्तान में बढ़ी बेचैनी  
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषकों के अनुसार, अग्नि-5 की क्षमता ने चीन और पाकिस्तान की सैन्य रणनीतियों को चुनौती दी है। दोनों देशों में इस परीक्षण को लेकर खलबली मची है, और उनकी मीडिया में इसे भारत की "आक्रामक सैन्य नीति" बताया जा रहा है।
🗣️ भारत का संदेश: शांति के लिए शक्ति जरूरी है  
भारत ने हमेशा परमाणु शक्ति को "नो फर्स्ट यूज़" नीति के तहत रखा है, लेकिन अग्नि-5 जैसे परीक्षण यह दर्शाते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा।

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