गुणवत्तापूर्ण विवेचना और प्रभावी पैरवी से अपराधियों को नहीं मिला बचने का मौका!
न्यायालय ने सुनाया 2 वर्ष का कठोर कारावास और ₹3500 का अर्थदंड!
आजमगढ़। “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत आजमगढ़ पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में की गई सशक्त विवेचना और अभियोजन की प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप थाना सरायमीर में दर्ज चोरी के एक मामले में दो आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराया है।
एफटीसी-प्रथम, जनपद आजमगढ़ की अदालत ने अभियुक्त संतोष पाण्डेय पुत्र राजबहादुर पाण्डेय निवासी भदुली, थाना सिधारी तथा संतोष सिंह पुत्र चन्द्रप्रकाश सिंह निवासी तिलहुआ, थाना निजामाबाद को दोषी पाते हुए 02 वर्ष का कठोर कारावास एवं ₹3500/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
मामला 23 नवम्बर 2022 का है, जब अभियुक्तगण ने इण्डस (टावर) कम्पनी के कीमती उपकरणों की चोरी की थी। वादी राघवेन्द्र प्रताप सिंह की तहरीर पर थाना सरायमीर में मुकदमा अपराध संख्या 245/2022, धारा 457, 380, 411, 413, 424 भादवि में दर्ज किया गया था। विवेचना पूर्ण कर पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहाँ अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूतों के आधार पर अभियुक्तों का अपराध सिद्ध कराया।
इस निर्णय से स्पष्ट है कि आजमगढ़ पुलिस अपराधियों के प्रति “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर कार्य कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि “जनसुरक्षा और न्याय की प्राप्ति पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और अपराधियों को हर हाल में सजा दिलाई जाएगी।”
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