दुष्कर्म व हत्या के आरोपी को फांसी दिलाने की उठी मांग

उदयपुर | जिले के मावली तहसील के लोपड़ा गांव कि आदिवासी समाज कि कक्षा 4कि छात्रा 8 साल कि पूजा भील कि दुष्कर्म के बाद  हत्या के मामले को लेकर *दिनांक 10/04/2023 सोमवार* को अंबेडकर विचार मंच, राष्ट्रीय वंचित लोकमंच, संविधान बचाओ संघर्ष समिति व भीम आर्मी एकता मिशन सहित कई सामाजिक संगठनों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर भीलवाड़ा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया ।
 विगत दिनों पूजा  भील पुत्री सुनालाल भील जो कि कक्षा 4 में अध्ययनरत थी। मामला गांव लोपड़ा, तहसील-मावली जिला उदयपुर कि पूजा भील का पड़ोसी ही कमलेश उर्फ करण सिंह राजपूत पुत्र रामसिंह पंवार द्वारा पूजा मील का अपहरण कर बलात्कार किया गया एवं मामले को दबाने के लिए दुष्कर्म पिड़िता पूजा भील की निर्दयता पूर्वक हत्या कर दी गई। हत्यारा इतना.निर्दयी था कि हत्या के बाद भी बलात्कार करता रहा। हत्या के साक्ष मिटाने में आरोपी के पिता रामसिंह पवार एवं माता किशन कुँवर ने मिलकर पूजा भील के मृत शरीर के दस टुकड़े कर थेले में बन्द कर के खण्डहर (बाड़े) में फेंक दिये गये आरोपी द्वारा परिवार को गुमराह किया गया। इस प्रकार की घटना मानवता को शर्मसार करती है। उक्त तीनों आरोपियों को पुलिस प्रशासन द्वारा गिरफतार कर लिया गया। ऐसी घटना के बाद समस्त दलित व आदीवासी, मज में भारी आक्रोश व्याप्त है। समस्त अंबेडकरवादी सामाजिक संगठनों के उक्त घटना कि  घोर निंदा की है एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर के माध्यम से राजस्थान के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में बताया कि उक्त हत्या प्रकरण कि  फास्ट ट्रैक कोर्ट के तहत कार्यवाही करते हुए हत्यारे कमलेश उर्फ करणसिंह राजपूत पुत्र रामसिंह पंवार को फांसी की सजा व आरोपी के माता-पिता जिन्होने मामले के सबूत मिटाने के लिए हत्यारे बेटे का साथ दिया ।उन्हें उम्र कैद की सजा दिलाने की मांग तथा पीड़िता के परिवार में किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने के साथ - साथ 30 लाख रूपये आर्थिक सहायता व संबंधित प्रकरण के तरह मिलने वाली सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराने की मांग कि गई।ज्ञापन के दौरान अंबेडकर विचार मंच के जिला सचिव पंकज डिडवानिया, संविधान बचाओ संघर्ष समिति के जिला संयोजक मोतीलाल सिंघानिया,राष्ट्रीय वंचित लोकमंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री राकेश देसाई, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष आजाद शंकर ,अधिकार मंच के संस्थापक गौरव जीनगर, अनील डिडवानिया, धनराज गांछा,विवेक देसाई, ललित मीणा, राधेश्याम बैरवा,हीरालाल बैरवा इत्यादि मौजूद थे।

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