घोसी/मऊ। स्थानीय तहसील अन्तर्गत नगर के बड़ागाँव शिया मोहल्ले में गुरुवार की भोर से ही हजरत अली की शहादत के मौके पर पूरे दिन रहने जुलूस का सिलसिला चला। लोगो ने हजरत अली की नमाज की हालत में इब्ने मुलजिम मलऊन द्वारा तलवार से हमला कर उनको मार ढाला गया था उसी की याद में आज 21 रमजान को उनके परिवार को श्रद्धाजंलि दी गई। पहले ताबुत शिया जामा मस्जिद से भोर में निकला उसके बाद मौलाना मुज्तबा हुसैन उसके बाद हाजी कौशर अली के वहाँ से ताबूत निकाला गया। उसके बाद इमाम बाड़ा जैनबिया के रास्ते सदर इमाम बारगाह पर पहुँचा। ये ताबुत हजरत अली की याद में निकाला गया। वो अली जो दामादे पैगम्बर मोहम्मद थे वो अली जो गरीबो के हमदर्द थे। जिनकी 4 वर्ष की हुकूमत में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ। इनकी चार साला हुकूमत में कोई भूखा नहीं रहा। किसी के ऊपर कभी कोई जुल्म नहीं हुआ। इनके दौरे इक्तेदार में कोई परेशान नही रहा। ये वो अली है जो रात के अँधेरे में बोरी में रोटी व खजूर भर के भूखे लोगों को अपने हाथो से खाना खिलाया करते थे। यतीमो पर उनके बाप जैसी शफकत भरी निगाहों से देखा करते थे। गरीब मजलूम को पूरी रात घुम कर ढूंढ कर रोटी पहुचाते थे। खुद भूखे रह कर लोगो की देखभाल की लोगो को खाना खिलाया जब कभी कोई पूछता था की ऐ गरीबों के हमदर्द आप कौन है तो यही जवाब देते गरीब एक गरीब भाई अपने गरीब भाई के पास आया है। एक हमदर्द दूसरे हमदर्द के पास आया है उनको 19 वी रमजान को इब्ने मुल्जिम मलऊन नामक एक व्यक्ति ने जहर से भीगी तलवार से नमाज की हालत में उन के सर पर वार कर घायल कर दिया और इक्कीसवीं रमजान को उनकी शहादत हो गई। उसी दिन की याद में आज 21 रमजान शनिवार को बड़ागाँव में जुलूस निकाल के मनाया जाता है। जिसमें नगर की सारी अंजुमने भाग लेती है। अंजुमन इमामिया, अंजुमन सज्जादिया, अंजुमन मासुमिया कदीम, अंजुमन दस्तए मासुमिया ने नोहा पड़ कर हजरत अली को श्रद्धांजलि आर्पित की। नोहा पढ़ते हुए मातम करते रोते बिलकते या अली या हुसैन करते अपनी नम आँखो से याद करते सदर इमाम बार्गाह एन एच 29 पर जा कर समाप्त हुआ। और लोग सदर ईमाम बारगाह जाकर उनको श्रद्धाजंलि अर्पित किया। इस दौरान मौलाना लड्डन बनारसी, नजर अब्बास, जौहर अली, अजहर हुसैन, इफ्तेखार अहमद, शमीम हैदर, मौलाना नसिमुल हसन, हसन इमाम, रेयाज अहमद, वसीउल, महमूद असगर, सय्यद असगर इमाम, शमीमूल हुसैन, इस्तेयाक, शाजिद हुसैन, नूर मोहम्मद, फिरोज हैदर, मुजाहिर हुसैन मौजूद रहे।
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