बलिया। फेफना थाना क्षेत्र के माल्देपुर संगम घाट पर सोमवार की सुबह मुंडन संस्कार के लिए गंगा उस पार जा रही नाव डूब गई। नाव पर 30 लोग सवार थे। नाव डूबते ही घाट पर अफरा-तफरी की स्थिति मच गई। 12 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। तीन महिलाओं की मौत मौत हो चुकी है। 5 लोगों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से एक को रेफर कर दिया गया है। डीएम रवीन्द्र कुमार और एसपी राजकरन नय्यर भी मौके पर पहुंच गये। अस्पताल में अलर्ट जारी कर दिया गया। इमरजेंसी वार्ड खाली करा ली गई।
गड़वार थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव निवासी नेपाल खरवंशी के नाती और नतिनी का मुंडन संस्कार था। इसमें परिवार और रिश्तेदारी के लोग शामिल होने आये थे। रस्म निभाने के लिए परिवार के कुछ सदस्य नदी पार करने के लिए नाव पर सवार हुए। नाविक ने कुछ अन्य परिवार वालों को भी इनके साथ बैठा लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नाव पर करीब 30-35 लोग सवार थे। नाव खुलने के पांच मिनट बाद ही डूबने लगी। देखते ही देखते नाव डूब गई। संयोग था कि पास में ही पीपा पुल था। कुछ लोगों ने पुल की रस्सी की मदद से तमाम लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं, आठ लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने इंद्रावती (56) पत्नी नेपाल खरवंशी, गंगोत्री (55) पत्नी मुख्तार खरवार के अलावा सीमा यादव (30) पत्नी लालबहादुर यादव अमरपुर, दरौली सिवान बिहार को मृत घोषित कर दिया। मृतका इंद्रावती और गंगोत्री देवरानी-जेठानी हैं। वहीं, दोकटी थाना क्षेत्र के लालगंज की मंजू, फेफना थाना क्षेत्र के सागरपाली की सुंदरी पत्नी शिवशंकर, सुषमा देवी पत्नी शिवशंकर, कलजमुनी देवी पत्नी हरेराम यादव शंकरपुर, नवानगर का इलाज चल रहा है। जबकि सुखपुरा की मालती पत्नी अवध को वाराणसी रेफर कर दिया गया है। डीएम रवींद्र कुमार के अनुसार हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है। बचाव कार्य चल रहा है। एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुटी है।
नाव हादसे की होगी जांच : दयाशंकर सिंह
हादसे की सूचना पर पहुंचे परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह ने घटना की जांच की बात कही है। हादसे के बाद घाट से लेकर अस्पताल तक घंटों चीखपुकार मची रही। घटनास्थल पर भारी भीड़ थी। जिनके परिजन लापता हैं, उनका रो-रोकर बुरा हाल है। हादसे से पहले तक मुंडन संस्कार के लिए चारों तरफ खुशियां थीं, लेकिन माहौल गमगीन हो गया।
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