प्रो. रफीउल्लाह आजमी के निदेशक बनने पर शिब्ली कालेज के शिक्षाविदों में खुशी

अमेरिका, इटली, तुर्की, मलेशिया, ईरान, यूएई और ओमान में हुए कांफ्रेंसिंग में दिखाए हैं प्रतिभा अलबरूनी सेंटर फार द स्टडी आफ सोशल एक्सक्लूजन एंड इन्क्यूसिव पालिसी में मिला पद आजमगढ़। प्रोफेसर रफीउल्लाह आजमी को अलबरूनी सेंटर फार द स्टडी आफ सोशल एक्सक्लूजन एंड इन्क्यूसिव पालिसी का निदेशक नियुक्त किए जाने पर जनपदवासियों में खुशी का माहौल है। जनपद के ग्राम भावपुर थाना बिलरियागंज के निवासी प्रोफेसर रफीउल्लाह आजमी की इस उपलब्धि पर शिब्ली नेशनल कालेज के उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. शबाबुद्दीन ने कहा कि मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर आजमी इससे पूर्व जामिया मिलिया इस्लामिया में 1999 से 2022 तक शिक्षण कार्य किया। इतिहास विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर अलाउद्दीन खां ने कहा कि इन्होंने अमेरिका इटली तुर्की, हांगकांग, मलेशिया, ईरान, यूएई और ओमान आदि देशों में होने वाली प्रतिष्ठित कांफ्रेंस में भाग लेकर आजमगढ़ की प्रतिभा का परिचय दिया है।
अरबी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम आजाद इस्लाही ने कहा कि इनका पत्रकारिता से भी गहरा संबंध रहा है। इन्होंने ईरान न्यूज एजेंसी के लिए भी काम किया तथा भारत के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण पत्रिका में भी उनके लेख प्रकाशित हैं। दर्शनशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. बीके सिंह ने कहा कि उनके निर्देशन में बहुत से शोधार्थियों ने पीएचडी और एमफिल किया। ऐसे योग्य और प्रतिष्ठित व्यक्ति को अलबरूनी केंद्र का निदेशक बनाए जाने पर शिब्ली कालेज के शिक्षाविदों ने खुशी व्यक्त किया है। खुशी व्यक्त करने वालों में दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कलीम अहमद, हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अल्ताफ अहमद, राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा. शफीउजजमाँ शामिल है।

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