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आजमगढ़। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा द्वारा 21 दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमे 20 प्रगतिशील पशुपालों ने भाग लिया।
डेयरी व्यवसाय में रोजगार के अवसर विषय पर प्रगतिशील एवं जागरूक किसानों को 21 दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण दिनांक 29 सितंबर से 18 अक्टूबर 2023 को संपन्न हुआ जिसमें किसानों ने डेयरी विभिन्न बारीकियों जैसे मशीन द्वारा दुग्ध दोहन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, चारा प्रबंधन वैल्यू एडीशन के साथ उसके विपणन पर भी प्रकाश डाला गया।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एल. सी. वर्मा ने बताया की भूमिहीन एवं छोटे किसानों के लिए दुग्ध उत्पादन व्यवसाय रोजगारपरक बनाते हुए बताया कि किसान दुधारू पशुओं की उन्नतशील नस्लों का चुनाव करके तथा चारा-दाना एवं रोग प्रबंधन की समुचित व्यवस्था करके लाभकारी बना सकते हैं । केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक ने बताया कि गाय की दुधारू पशुओं की नस्लों में साहीवाल, सिंधी, गिर, देवनी, थारपारकर एवं भैंस की मुर्रा नस्ल अच्छी मानी जाती हैं। पशुओं को परजीवी की दवा देने के उपरांत उनके राशन में खनिज लवण 40 ग्राम तथा 30 ग्राम नमक देना जरूरी होता है। पशुओं को समय-समय पर थनैला, गलघोटू, तथा खुरपका -मुंहपका का टीका लगाना आवश्यक होता है।
पादप प्रजनन वैज्ञानिक डा. अखिलेश यादव ने बताया कि पशुओं के गोबर से अच्छी खाद तैयार की जा सकती है और फसल उत्पादन तथा मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में इसका उपयोग किया जा सकता है। फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. महेंद्र गौतम एवं उमेश कुमार ने बताया कि देशी गाय का दूध काफी ताकतवर होता है जो बच्चों के मानसिक विकास एवं अनेक बीमारियों से निजात दिलाने में रामबाण सिद्ध होता है।
लाभान्वित होने पशुपालकों में श्री कृष्णा चौबे, भानु प्रताप सिंह, विशाल, श्रवण निषाद, राणा प्रताप, लालजीत यादव, प्रमोद पांडे, राम सकल, विरोज चौबे, प्रवीण, राजेश कुमार, लाल बहादुर, लक्ष्मी चौबे, राघवेंद्र कुमार, राजेश कुमार यादव, अंतिम कुमार, घनश्याम यादव, संतोष यादव, सुनील यादव एवं अनूप यादव सहित 21 किसानों ने प्रतिभाग किया।
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