राजकीय मेडिकल कालेज में बहन का कराने गया था इलाज
पुलिस पर कार्रवाई के बजाय समझौता कराने का लगा आरोप
चक्रपानपुर/आजमगढ़। जहानागंज थाना के चक्रपानपुर गांव में हुए हमले में घायल नरेहथा निवासी 22 वर्षीय सुमित राम की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में बुधवार को मौत हो गई। इससे स्वजन में कोहरा मच मच गया। मंगलवार को वह अपनी बहन बबिता तथा रिश्तेदार का इलाज कराने के लिए मेडिकल कालेज चक्रपानपुर गया था। वहां उसके गांव के ही कुछ युवकों ने हमला कर उसे घायल कर दिया था। थोड़ी देर बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। स्थानीय स्तर पर इलाज कराने के पश्चात परिजन उसे लेकर जिला चिकित्सालय गए। इलाज के दौरान बुधवार की रात उसकी मौत हो गई । मृतक सुमित राम इंटरमीडिएट पास कर कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहा था। वह तीन भाई बहन में सबसे छोटा तथा अविवाहित था, जबकि इनसे बड़ी बहन बबिता तथा सबसे बड़े भाई पप्पू विवाहित हैं। पिता कैलाश राम मजदूरी (पल्लेदारी) कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मृतक की माता सुमित्रा तथा परिवारीजनों के आंसू नहीं थम रहे हैं। सुमित सुबह अपनी बहन बबिता के साथ उसकी सास का इलाज करवाने मेडिकल कालेज गया था। साथ में मृतक की माता सुमित्रा भी थी । माता सुमित्रा ने बताया कि इसी दौरान गांव के तीन-चार लोग आए और उसके पुत्र को लेकर अस्पताल की दूसरी मंजिल पर गए। वहां एक तरफ ले जाकर हमला कर घायल कर दिया। किसी तरह वापस आकर वह पूरी घटना बताया। इसके बाद माता और पुत्र दोनों स्थानीय पुलिस चौकी पर गए, परंतु माता का आरोप है कि पुलिस विरोधियों पर कार्रवाई न कर दूसरे पक्ष को भी बुलाकर जबरदस्ती समझौता करा दिया। उधर सुमित राम के घर पहुंचते ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे खून की उल्टी हुई। स्थानीय स्तर पर इलाज कराने के बाद परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल गए। वहां डाक्टरों ने बताया कि उसके सिर में चोट है और इलाज नहीं हो सकता। घबराकर परिजन उसे लेकर पहले शहर के ग्लोबल अस्पताल गए। निजी अस्पताल के डाक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। धनाभाव के कारण फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंच गए। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र लाल ने बताया कि थाना जहानागंज में मारपीट के बाद घायल युवक की इलाज के दौरान मौत मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना में शामिल दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
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रात में टहलते हुए मनचलों को रोकना घटना का कारण तो नहीं!
चक्रपानपुर (आजमगढ़): ग्रामीणों में इस बात की सुगबुगाहट थी कि हत्या के पीछे कहीं मनचलों को रोकना-टोकना तो कारण नहीं बन गया। दबी जुबान से इस बात की चर्चा है कि मारपीट करने वाले अक्सर रात में सड़क के किनारे घूमते रहते थे। सुमित राम का घर भी गांव के दक्षिणी छोर पर सड़क के किनारे है। रात में टहलने के दौरान वह उन लोगों को कई बार टोक चुका था। दूसरी तरफ मृतक की मां सुमित्रा का कहना है कि लगभग एक वर्ष पूर्व जमीन बेचकर वह अपने लड़के सुमित का आपरेशन द्वारा हार्ट का वाल्व लगवाई थी। मृतक की मां का स्थानीय पुलिस पर भी आक्रोश है। उन्होंने बताया कि मारपीट के बाद पुलिस विरोधियों पर कार्रवाई करने की बजाय धमकाकर समझौता करा दिया।
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