आजमगढ़। गायत्री शक्तिपीठ कोल पाण्डेय के मेदान में आयोजित एक 180 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ चौथा दिन मुख्य यज्ञमानों के साथ तमाम श्रद्धालुओं देव पूजन के साथ साथ विविध पूजन भागिदारी की । एक तरफ शान्ति कुंज हरिद्धार से आये विज्ञान ब्राम्हण जहॉ वेद मंत्रों का उच्चरण कर रहे थे वहीं श्रद्धालुगण भी अपनी-अपनी बेदियो पर बैठे, विधि विधान पूजा अर्चना कर रहे थे। पूजन अर्चन के बाद शान्ति कुंज से आयी ब्रम्हावादिनी टोली नायिका संध्या तिवारी ने श्रद्धालुओं के बीच प्रबचन के दौरान कहा कि यह महा यज्ञ जड़ चेतन सभी के लिये कल्याण कारी है। यज्ञ में देवी पूजन में भाग लेने का अर्थ हो ता है। द्विव्यगुणों को धारण करना और उसे अंगीकार कर अपने साथ-साथ अन्य लोगो का भी कल्याण करना होता है। श्रीमती तिवारी ने कहा कि यज्ञ में संगतिकरण अर्थात श्रेष्ठ जन सज्जन एकत्रीत हो अपने शक्ति का सुनियोजन करते है। जो श्रद्धालु यज्ञ में दान अर्थात अपना समय अपनी संपदा अपनी पुरूषार्थ, अपनी भावना, इस समाज को अर्पित करते है। उसका जीवन सार्थक एवं जन कल्याणकारी होता है।
डॉ उषा शर्मा बताया कि शुक्रवार को शाम को 24000 दीप यज्ञ स्थल पर जलाया गया तथा विभिन्न प्रकार की झाकियां व कुरति उन्मूल, नशा, उन्मूलन का संदेश दिया गया। सैनिको की समृद्धि राष्ट को समर्थ बनाने हेतु आहुतिया दी गयी। शान्ति कुंज से आये निरू गौतम संगीतज्ञ, उमा अवधिया, संगितज्ञ वादक, दिवा साहू कर्मकाण्ड, धनेश्वरी साहू कर्मकांड, राजकुमार बाजपेयी संरक्षक, त्रिभुवन नाथ मिश्र सारंगी, सत्यक्रिया यश्र भगवन सहित सभी द्विव्य शक्ति की विदायी हुई। उत्तर जोन प्रभारी श्री नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश है। यह क्रान्तकारियों की जन्मभूमि है। हर प्रश्न का उत्तर है उत्तर प्रदेश।
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