अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक और व्यावसायिक जीवन में सफलता कौन नहीं पाना चाहता? इस समय संसार के हर कोने में ऐसे लोग मौजूद हैं, जो यह सोच रहे हैं कि वे किसी महत्त्वपूर्ण लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें और बेहतर बनने की दिशा में कैसे प्रगति करें? कई लोगों को अपने हृदय और आत्मा की गहराइयों में वह रहस्य मिल जाएगा, जो उन्हें गगनचुंबी सफलता की ओर प्रेरित कर सकता है। लेकिन समस्या यह है कि इनमें से ज्यादातर लोग सिर्फ सोचते, सपने देखते और हसरत पाले रहते हैं। फिर एक दिन उनकी नींद खुलती है और वे खुद को ज्यों-का-त्यों पाते हैं। जीवन में लक्ष्य चाहे जो हो, हर व्यक्ति किसी न किसी तरह की संतुष्टि चाहता है, किसी न किसी तरह की सफलता चाहता है। खुश रहना, स्वस्थ रहना, दौलतमंद बनना या जीवन की सच्ची समृद्धि का आनंद लेना सर्वव्यापी इच्छाएं हैं। यही आंतरिक प्रेरणाएं हमें कर्म करने के लिए प्रेरित करती हैं।
आपके पास भी वही अवसर हैं, जो दूसरे लोगों के पास हैं। चाहे वे आपसे ऊंचे स्थान पर हों या निचले स्थान पर। फिर एक व्यक्ति सफल और दूसरा असफल क्यों हो जाता है? ऐसा इसलिए, क्योंकि अक्सर सफलता के नियम इतने सरल और स्पष्ट होते हैं कि व्यस्तता और आपाधापी भरी जिंदगी में इंसान उन्हें नजरअंदाज कर देता है। लेकिन यदि आप उनकी तलाश करें, तो वे आपको मिल जाएंगे। पर कुछ पाने के लिए सबसे पहले आपके मन में इच्छा होनी चाहिए, क्योंकि यही समूची मानव उपलब्धि का प्रारंभिक बिंदु है। इच्छा के साथ महत्वाकांक्षा और पहल भी होनी चाहिए, तभी इंसान कर्म करने के लिए प्रेरित हो सकता है।
व्यक्तिगत अनुभव बताते हैं कि किसी बच्चे या वयस्क के हर नए निर्णय से विचारों का ऐसा सिलसिला शुरू होता है, जिसका बाद में उसके जीवन पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ता है। सिर्फ निर्णय लेना ही काफी नहीं होता, निर्णय लेने के बाद उस पर काम भी करना होता है। कर्म के बिना अच्छा निर्णय निरर्थक है, क्योंकि मेहनत के बिना इच्छा दम तोड़ देती है। सफलता कोशिश करने वालों को ही मिलती है। इसलिए जहां हारने के लिए कुछ न हो और सफल होने पर बहुत कुछ मिलने की संभावना हो, वहां पूरी कोशिश करें।
किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल करने या सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए कोशिश करें, कोशिश करें और कोशिश करते रहें- इस नियम पर चलकर आप किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं। यदि आप सही समय पर सही काम करने की आदतें डाल लेते हैं और सही दिशा में मेहनत करते हैं, तो आप उस क्षेत्र में सफल हो जाते हैं। तब आपको काम में आनंद आने लगता है और वह काम फिर काम नहीं रह जाता, आनंद का विषय बन जाता है।
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