भगवान श्रीराम के जीवन से हमें सीखने की जरूरत

आजमगढ़। शहर से सटे आरटीओ ऑफिस परानापुर में चल रहे राम कथा के विश्राम दिवस पर कथावाचक पूज्य अंकित जी महाराज ने कहा कि राम के जीवन से हमें सीखने की जरूरत है। भगवान राम जब रावण को मारकर अयोध्या वापस आए तो अयोध्यावासियों ने उनका बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया। अयोध्यावासियों ने फूल वर्षा कर तथा घर में उत्सव मनाकर घी के दिए जलाकर के राम, लक्ष्मण तथा सीता का स्वागत किया।
श्री राम कथा में जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि श्री रामचंद्र जी के राज्याभिषेक में समस्त ब्रह्मांड के देवी देवता पधारे थे। सभी ने राम को राजा बनते देखकर अपार हर्ष व्यक्त किया था। रामराज्य की महिमा का बखान करते हुये बताया कि रामराज्य में किसी भी प्राणी को दुख नहीं था। कोई किसी से बैर भाव नहीं रखता था। असमय मृत्यु नहीं होती थी। सभी प्राणी बहुत सुख रहते थे। श्री राम कथा में राज्याभिषेक के समय राजा रामचंद्र जी के जयकारों से पूरा पंडाल गुंजायमान हो गया। कार्यक्रम आयोजकों आरती उतार कर एवं फूल वर्षा कर राम का राज्याभिषेक करने के बाद कथा का समापन हुआ। राज्याभिषेक होते ही चारों तरफ जय श्री राम जय श्री राम के नारे गुजने लगे, राम भक्तों ने राजाराम की के ऊपर फूलों की बरसात की। कथा आयोजन सीमित ने आए हुए लोगों का आभार व्यक्त किया। राम का राज्याभिषेक होने के अवसर पर अतिथि लोगों को पगड़ी पहनकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर आयोजन सीमित में प्रमुख रूप से, हरीश उपाध्याय, सुरेंद्र उपाध्याय, अभिषेक जायसवाल सोनू, कमलेश तिवारी, सौरभ उपाध्याय, रविकांत उपाध्याय, दिलीप,कविकांत राजा सहित हजारों लोग उपस्थित रहे। 

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