आजमगढ़। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी पिछड़ा एवं अति पिछड़ा प्रकोष्ठ एवं पूर्वांचल जनमोर्चा के संयुक्त नेतृत्व में पार्टी कार्यालय कलेक्ट्री कचहरी आजमगढ़ पर डा0 भीमराव राम जी अम्बेडकर साहब का 68वां परिनिर्वाण दिवस उनके चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर व माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर मनाया गया I इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष शिवमोहन शिल्पकार ने अपने सम्बोधन मे बताया कि बाबा साहब 32 डिग्रियों व 9 भाषाओं के जानकार थे I उन्होने देश को सामाजिक समानता का रास्ता दिखाया और विज्ञान और तकनीक के जरिये देश के विकास का सपना देखा था I बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि बाबा साहब का सरनेम “सकपाल” था I
इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के छोटे से गाँव महू मे हुआ था I इनके पिता का नाम रामजी मालो जी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था I इनका जन्म महार जाति मे हुआ था I उस वक्त देश मे अनेक प्रकार का अंधविश्वास, छुआ-छूत था जिसके कारण अनेकों कठिनाइयों का सामना उठाना पड़ा I बाबा साहब से कृष्णा महादेव अम्बेडकर नामक एक ब्राह्मण शिक्षक को विशेष स्नेह था I इस नाते बाबा साहब ने अपने सरनेम को हटाकर उपनाम अम्बेडकर जोड़ दिया I देश के आजादी के बाद संविधान निर्माण के लिए 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया I फिर उनकी अध्यक्षता मे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन के बाद संविधान बनकर तैयार हुआ I और देश के प्रथम कानून मंत्री बन गरीब, वंचित, शोषित व महिलाओं के साथ सभी वर्गों के लिए समानता के दृष्टि के लिए एक मत का अधिकार दिलाया और अनेक योजनाओं का सृजन किया जिससे मानव जीवन का कल्याण हो I इसी क्रम मे श्री शिल्पकार ने कहा कि इनके विचारों में आस्था रखकर अनेकों नेतागण ने गरीब, वंचित, शोषित वर्गों के लिए तत्पर होकर समाजहित का कार्य किया जैसे रामविलास पासवान, मान्यवर कांशीराम साहब, जननायक कर्पूरी ठाकुर आदि अनेक नेतागणों ने बाबा साहब का मिशन आगे बढ़ाने का कार्य किया I
अब हम लोगों को आज इस बात का संकल्प लेना है कि बाबा साहब का मिशन पूरा करेंगे और साथ-साथ हमारी युवा पीढ़ी इस कार्यक्रम को सदैव आगे बढ़ाने का कार्य करती रहे I हम लोग सदा बाबा साहब के ऋणी रहेंगे I उन्होने बताया कि 6 दिसम्बर 1956 को यह महामानव हम लोगों को अलविदा कहकर सामाजिक समरसता का दायित्व देकर इस दुनिया से चले गए I कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रभारी चंद्रमी गौतम एवं संचालन योगेश गोड ने किया। कार्यक्रम मे उपस्थित सर्वश्री :- राम सुंदर प्रसाद, धर्मेंद्र, राम लगन विश्वकर्मा, ज्ञानचंद चौहान, सर्वजीत भारती, ध्रुवचंद शिल्पकार, बरखु बनवासी , अजीत कुमार , मुकेश गोड ,उषा देवी, संजू गोड , नेहा जायसवाल, रीता कश्यप, कंचन भारती, बबीता देवी, सुनीता भास्कर इंदु देवी, रामवती चौहान, निर्मला देवी, पूनम गोड़ समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे
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