शादी से पहले उठी दुल्हन की अर्थी, रो पड़ा हर दिल

शादी से पहले उठी दुल्हन की अर्थी, रो पड़ा हर दिल बलिया : बांसडीह कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत डुमरियां सहतवार में पसरी वीरानी बता रही है कि यहां कुछ ऐसा हादसा हुआ है, जो लोगों को दर्द दे गया। 11 मार्च को गांव में एक बारात आनी थी और एक बारात जानी थी, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही थी। लेकिन अब दोनों परिवारों में मातम पसरा है और शादी की खुशियां चकनाचूर हो गई हैं। कारण, यह है कि गुरुवार को गांव में आसपास ही रहने वाले युवक आकाश और युवती मंशा की सड़क हादसे में मौत हो गई है। इसमें आकाश के भाई की बारात 11 मार्च को जानी थी। वहीं, मृतक मंशा गुप्ता की बारात 11 मार्च को ही गांव में आनी थी लेकिन डोली सजने से 11 दिन पहले ही बेटी की मौत की खबर ने घरवालों को बदहवास कर दिया। गांव की रहने वाली मंशा गुप्ता यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा देने तो निकली लेकिन फिर घर नहीं लौट पाई क्योंकि ट्रक दुर्घटना में उसकी और पड़ोसी युवक की जान चली गई। इन दोनों परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मृत मंशा की यह कहते हुए रो पड़ी कि बहुत अभागिन हूं, बेटी को दुल्हन बनते नहीं देख पाई। मृतका के छोटे भाई अर्जुन गुप्ता ने बताया कि दीदी पढ़ाई में बहुत तेज थी।
परिजनों ने दैनिक भास्कर से बताया कि शादी तय होने के बाद लड़के वाले उसे देखने आए थे। तब मंशा ने शादी करने की शर्त रख दी थी। मंशा ने रिश्तेदारों के सामने ही दिया था कि वो शादी के बाद भी पढ़ाई करना चाहती है। इस बात पर लड़के वाले भी राजी हो गए। तभी दोनों पक्ष की शादी पर सहमति बनी। मंशा खुश थी कि उसे शादी के बाद भी पढ़ने का मौका मिलेगा। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। घरवालों ने बताया कि मंशा के पिता कि मौत दो साल पहले हो गई थी। तीन बच्चों में वह सबसे बड़ी थी। होनहार के साथ वह बहुत जिम्मेदार थी। घर में मां और भाई बहनों का खयाल रखती थी। पिता नहीं थे, इसलिए वह मां के साथ बाजार से शादी की तैयारी भी खुद से करी थी। परीक्षा की वजह से उसने साड़ी, कपड़े आदि मेहमानों के आव भगत के सारे सामान खरीद लिए थे। रिश्तेदारों को भी खुद ही शादी में शामिल होने के लिए बुलाई थी। अपनी सहेलियों के भी शादी आने के लिए तैयार कर चुकी थी। 11 मार्च 2024 को होनी थी मंशा शादी बांसडीह में गुरुवार को ट्रक की चपेट में आने से एक युवती व एक युवक की मौत हो गई थी। युवती इंटरमीडिएट की परीक्षा देने घर से बांसडीह जा रही थी। उसकी पहचान कुमारी मंशा निवासी डुमरियां सहतवार के रूप में हुई। जबकि युवक की पहचान आकाश यादव के तौर पर की गई। मंशा की शादी 11 मार्च को होनी थी, लेकिन नियति ने उसे मौत दी। युवती का अंतिम संस्कार बलिया में गंगा के किनारे किया गया। परिवार के लोग रो-रोकर व्याकुल दिखे। शाहपुर बभनौली से आनी थी बारात मंशा की शादी छह महीने पहले शाहपुर बभनौली नई बस्ती निवासी रतन गुप्ता के साथ तय हुई। 11 मार्च को शादी की तारीख फिक्स हो चुकी थी। घर में शादी की तैयारियां चल रहीं थीं। शादी के कार्ड छप गए थे। घर में बुआ और बहनों का भी आना शुरू हो गया था। शादी के लिए लड़की के घर गहने, कपड़े की भी खरीदारी कर ली गई थी। लेकिन गुरुवार का दिन बेटी मंशा के लिए उसकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुआ। सड़क हादसे में मंशा की मौत से सारी खुशियां गम में बदल गईं। 11 फरवरी को ही थी आकाश के भाई की शादी सड़क हादसे में जान गंवाने वाले आकाश के भाई की शादी भी 11 मार्च को थी। आकाश दूसरे शहर में रहकर नौकरी करता है। दो दिन पहले वो अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए आया था। इस हादसे में उसकी भी मौत हो गई। आकाश के घर वालों को रो-रोकर बुरा हाल है। मंशा और आकाश के घर भी सिर्फ सड़क भर का फासला है। दोनों के घर से एक साथ लाश पहुंची तो इलाका गमगीन हो उठा।

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