ब्लॉक प्रमुख ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को बताया झूठा व निराधार किया खंडन

आजमगढ़। अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष रखते हुए अनुराग सिंह सोनू ब्लॉक प्रमुख पल्हना ने एक प्रेसवार्ता के माध्यम से बताया की समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि नीरज सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा ज्ञापन, देकर के मेरे व कर्मचारियों के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है जो कि निराधार है और विरोधियों द्वारा मेरी राजनैतिक छवि धूमिल करने हेतु एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है। शिकायत कर्ता नीरज सिंह जेल में निरुद्ध प्रदीप सिंह कबूतरा व पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सतीश सिंह का खासमखास है। मैं बताना चाहूँगा कि पल्हना विकास खण्ड के निर्माण से ही बाहुबलियों का कब्जा चला आ रहा था। योगी की सरकार में मेरे जैसे आम व्यक्तियों को भी जन प्रतिनिधि बनने और अपराधियों का विरोध करने की प्रेरणा मिली। जिसके फलस्वरुप मैने चुनाव लड़ा और जनता के आशीर्वाद से जीत प्राप्त की।

उसके उपरान्त निरन्तर मेरे द्वारा विकास कार्य पल्हना विकास खण्ड में किये जा रहे हैं, जिससे कि लगभग 15 वर्षों से कब्जा कर भ्रष्टाचार कर रहे अपराधियों की कमर टूटती जा रही है। और वह अपने गुर्गों को आगे कर झूठे और निराधार आरोप लगा रहे है। प्रिण्ट व इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा मिली आरोपों की जानकारी के अनुसार मैं उन आरोपों का खण्डन करता हूँ और कित्ती भी प्रकार की जींच में पूर्ण सहयोग करने हेतु तत्पर व उपलब्ध हूँ। शिकायत कर्ता के आॅकाओं व विरोधियों की मानसिक स्थिति ठीक न होना इस बात से ही प्रमाणित हो जाता है कि लिखित प्रार्थना पत्र में लाईट का रेट 3 लाख से 3.5 लाख दशार्या गया है और संलग्न इस्टिमेट की कॉपी में उसकी लागत 2 लाख 52 हजार लगभग दशार्या गया है और उसी लाईट का 9.5 लाख कीमत की दर से पेमेंट करने का आरोप शिकायत कर्ता द्वारा लगाया जा रहा है। जबकि 9.5 लाख में 4 लाईटों का टेंडर व भुगतान ॠएट पोर्टल द्वारा पूर्व निर्धारित सरकारी दरों और मानकों के अनुसार हुआ है और लाईट व वाटर कूलरों की संख्याओं और गुणवत्ता के प्रति भी झूठा और निराधार आरोप लगाया है। क्योंकि लाईट व वाटर कूलर के कार्य धरातल पर जाकर कभी भी सत्यापित किया जा सकता है, वर्तमान में भी प्राथमिक विद्यालयों पर स्मार्ट क्लास विथ सोलर इन्वर्टर सिस्टम् साड़ण्जे, इण्टरलाकिंग, सी० सी० रोड, और जल निकासी के अनेको कार्य प्रगति पर हैं। अन्त में में यही कहना चाहूँगा विकास करने आए है... विकास कर रहे है... और विकास करते रहेंगे।

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