आजमगढ़। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन और विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर मंगलवार को विद्युत कर्मचारियों, अभियंताओं, अधिकारियों, अवर अभियंताओं, तकनीकी कर्मचारियों और विद्युत संविदा कर्मचारियों ने ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में एक विशाल मोटरसाइकिल रैली निकाली है। विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में विद्युत विभाग के कर्मियों ने कार्यालय समय के बाद सिधारी स्थित हाइडिल कॉलोनी से निकलकर शंकर तिराहा, सिधारी नया पुल, रैदोपुर, एलवल, बड़ादेव, अग्रसेन चौराहा, कलेक्ट्रेक्ट, चर्च चौराहा, नरौली होते हुए वापस उद्गम स्थल पहुंचकर समाप्त हुई।विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक प्रभु नारायण पाण्डेय 'प्रेमी' ने कहा कि निजीकरण के बाद विद्युत कर्मियों की बड़े पैमाने पर छंटनी होगी और उनकी सेवा शर्तें प्रभावित होंगी, जिससे विद्युत विभाग में रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे और कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि निजीकरण के बाद आम जनता को मिलने वाली बिजली की दरों में भारी वृद्धि होगी, जिससे आम जनमानस और प्रदेश के किसानों को महंगी बिजली खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसको लेकर सभी सदस्यों में निजीकरण को लेकर गहरा आक्रोश दिखा।
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से व्यापक जनहित में निजीकरण के प्रस्ताव को निरस्त करने की अपील की।
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