पहली बार ऐसा देखा कि युवाओं को खुले मंच से प्रोत्साहन मिला।
50% युवा बसपा में हों’ केवल नारा नहीं, संगठन की नई पहचान बन चुका है।
आगरा से संवाददाता
आगरा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में अब युवाओं की धमक साफ सुनाई देने लगी है। वर्षों से उठती मांग कि पार्टी का ‘50% युवा’ वाला नारा केवल मंच तक ही सीमित न रहे — अब मायने रखता दिख रहा है। पार्टी की प्रमुख मायावती ने हाल ही में पदाधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि "जो कहा है, उसे जमीन पर उतारो। नहीं कर सकते तो पद छोड़ दो।" इस स्पष्ट संदेश के बाद संगठन में सक्रियता और जिम्मेदारी का नया दौर शुरू हुआ है। इसी के तहत आज आगरा में आयोजित युवा सम्मेलन में बसपा ने अपने बदले स्वरूप की झलक दिखाई। मंच पर युवाओं की उपस्थिति न सिर्फ प्रतीकात्मक थी, बल्कि उन्हें पूरा सम्मान और नेतृत्व की भूमिका दी गई। कार्यक्रम में युवाओं को आगे लाकर बहन मायावती ने यह संदेश दिया कि संगठन में बदलाव अब केवल बात नहीं, बल्कि एक ठोस क्रियान्वयन है। बसपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बताया, “पहली बार ऐसा देखा कि युवाओं को खुले मंच से प्रोत्साहन मिला। इससे संगठन में नई ऊर्जा आई है।” पार्टी सूत्रों के अनुसार, निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाकर सक्रिय, विचारधारा में प्रतिबद्ध युवाओं को नेतृत्व सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बहन जी के अनुसार, "युवा ही भविष्य हैं, और उनके बिना बदलाव अधूरा है।" बसपा अब खुद को नई पीढ़ी के साथ जोड़कर आगामी चुनावों के लिए नई रणनीति बना रही है, जहां ‘50% युवा बसपा में हों’ केवल नारा नहीं, संगठन की नई पहचान बन चुका है। इस मौके पर आगरा मंडल अध्यक्ष सहित आसपास के सैकड़ो की संख्या में पदाधिकारी व हजारों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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