संवाददाता -योगेश कुमार
मुजफ्फरनगर/प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और थाना प्रभारी (SHO) को 7 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला एक आरोपी के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के मनमाने उपयोग से संबंधित है। अदालत ने इस अधिनियम के बार-बार दुरुपयोग पर गंभीर आपत्ति जताई है।हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने मुजफ्फरनगर निवासी आरोपी मंशाद उर्फ सोना की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
अदालत ने पाया कि मंशाद पर पहले ही गैंगस्टर एक्ट के तहत वर्ष 2025 में मुकदमा दर्ज था, इसके बावजूद 2023, 2024 और 2025 के पुराने मामलों के आधार पर फिर से उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल भेजा गया।अदालत ने इस कार्रवाई को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए इसे कानून का “सरासर दुरुपयोग” करार दिया। कोर्ट ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी को उनके ‘कदाचार और लापरवाही’ पर स्पष्टीकरण देने के लिए 7 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को भी इस मामले की सूचना भेजी गई है।याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई कि आरोपी के खिलाफ पूर्ववर्ती मामलों के आधार पर बार-बार गैंगस्टर एक्ट लगाने का उद्देश्य केवल उसकी हिरासत की अवधि को बढ़ाना था, जो कि कानून का दुरुपयोग है।
कोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के विनोद बिहारी लाल बनाम उत्तर प्रदेश और लाल मोहम्मद मामलों सहित, गोरखनाथ मिश्रा केस का भी हवाला दिया, जिनके निर्देशों के अनुपालन में राज्य सरकार ने विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा कार्यवाही उन निर्देशों का उल्लंघन प्रतीत होती है।यह मामला मुजफ्फरनगर के खालापार थाना क्षेत्र का है। पुलिस के अनुसार, खालापार लीकड़ा पट्टी निवासी शादाब उर्फ चिड़ा, गहराबाग निवासी इकरार उर्फ कालिया कुरैशी, मंशाद उर्फ सोना, सैफी कॉलोनी निवासी विसार और रिजवान उर्फ रिज्जू शातिर गोकश (गोकशी करने वाले) हैं। थाना प्रभारी महावीर सिंह चौहान ने इन सभी के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट लगाने की रिपोर्ट जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को भेजी थी, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। फिलहाल विसार और रिजवान जमानत पर हैं, जबकि तीन अन्य आरोपी जेल में हैं।एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया था कि पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत शातिर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की है, और इसी कार्रवाई के संबंध में हाई कोर्ट ने यह सख्त रुख अपनाया है
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