(संवाददाता -योगेश कुमार )
खतौली, मुजफ्फरनगर। ज़मीन विवाद को लेकर एक दलित परिवार ने जब प्रशासन से लगातार गुहार लगाने के बावजूद न्याय न मिलने पर सनातन धर्म त्याग कर इस्लाम धर्म अपनाने की चेतावनी दी, तो तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। गुरुवार को पीड़ित दलित परिवार ने तहसील कार्यालय में धरना देकर न्याय की मांग की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन पीड़ित के नाम को खतौनी में दर्ज कर दिया।गांव बडसू निवासी नेत्रहीन दलित कंवरपाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उसके सगे भाई राजेंद्र ने भूमाफियाओं से मिलीभगत कर उसकी साढ़े पांच बीघा ज़मीन का धोखाधड़ी से बैनामा करा लिया। उसका कहना है कि इस साजिश में सब-रजिस्ट्रार कार्यालय और तहसील के कुछ जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल हैं।कंवरपाल ने बताया कि जब उसे इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली, तो उसने संबंधित न्यायालय में वाद दायर किया और ज़मीन के दाखिल खारिज पर आपत्ति भी दर्ज कराई थी। इस पर निवर्तमान तहसीलदार ने दाखिल खारिज के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था। लेकिन बाद में नियुक्त वर्तमान तहसीलदार ने भूमाफियाओं के पक्ष में जाकर विवादित ज़मीन का दाखिल खारिज कर दिया।कंवरपाल ने बताया कि पहले भी वह तहसील में धरना दे चुका है, लेकिन तब उसे केवल कोर्ट में वाद दायर करने की सलाह देकर लौटा दिया गया। न्याय की उम्मीद छोड़ चुका यह दलित परिवार गुरुवार को फिर तहसील पहुंचा और धरना देकर यह ऐलान कर दिया कि यदि अब भी न्याय नहीं मिला, तो वे सनातन धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपना लेंगे।धरने और धर्म परिवर्तन की चेतावनी के बाद तहसील प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे एसडीएम राजकुमार ने कंवरपाल से वार्ता कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और तुरंत ही ज़मीन की खतौनी में उसका नाम दर्ज करवा दिया।खतौनी में नाम दर्ज होते ही कंवरपाल ने अपनी चेतावनी वापस ले ली और धरना समाप्त कर दिया। प्रशासन ने राहत की सांस ली, लेकिन यह मामला एक बार फिर प्रशासनिक संवेदनशीलता और भूमि विवादों में दलितों के साथ होने वाले भेदभाव पर सवाल खड़े कर गया है।
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