29,000 स्कूलों में 50 से कम छात्र हैं।15.94% की गिरावट आई है सरकारी स्कूलों की संख्या में 2017-18 से 2023-24 के बीच
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शिक्षा सुधार का मतलब स्कूल बंद करना नहीं, उन्हें मजबूत करना होना चाहिए: संजय सिंह
नई दिल्ली: संसद भवन: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम नामांकन वाले प्राथमिक स्कूलों को पास के बड़े स्कूलों में मिलाने के फैसले ने संसद में जबरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत विशेष चर्चा की मांग करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। शिक्षा सुधार का मतलब स्कूल बंद करना नहीं, उन्हें मजबूत करना होना चाहिए। सरकार बच्चों को शिक्षा से दूर कर रही है, खासकर ग्रामीण और वंचित समुदायों को।" उन्होंने कहा कि 25,000 से अधिक स्कूल बंद हो चुके हैं, और 1.93 लाख शिक्षक पद खाली पड़े हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है। 29,000 स्कूलों में 50 से कम छात्र हैं।15.94% की गिरावट आई है सरकारी स्कूलों की संख्या में 2017-18 से 2023-24 के बीच, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है, जिसमें कहा गया है कि यह फैसला शिक्षा का अधिकार एक्ट का उल्लंघन करता है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि यह मर्जर NEP 2020 के तहत संसाधनों के बेहतर उपयोग और गुणवत्ता सुधार के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बच्चों को सुरक्षित दूरी में ही स्थानांतरित किया जाएगा और बंद स्कूलों को बालवाटिका केंद्रों में बदला जाएगा। मधुशाला नहीं, पाठशाला चाहिए!"—यह नारा अब सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की शिक्षा की लड़ाई का प्रतीक बन चुका है।
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