अरविंद राजभर की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान अभी तक जारी नहीं हुआ है।
लख़नऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर तेज़ होती दिख रही है। हाल ही में केंद्रीय रेलवे विभाग की शिकायत पर सुभासपा प्रमुख और राज्य सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सामने आया, जिसमें कथित तौर पर रेलवे के किसी कर्मचारी या संपत्ति से जुड़े दखल या अनुशासनहीनता की शिकायत की गई थी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई अधिकारिक शिकायत पर की गई, जो संबंधित ज़ोन की रेंज में दर्ज हुई है। फिलहाल, मामला जांच के अधीन है और प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। अरविंद राजभर की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान अभी तक जारी नहीं हुआ है।
इस एफआईआर के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्ष ने इसे ‘शासन में घमंड’ और ‘व्यवस्था में लापरवाही’ का परिणाम बताया है, वहीं समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक दुर्भावना के तहत की गई कार्रवाई हो सकती है। ओमप्रकाश राजभर और उनकी पार्टी सुभासपा अक्सर अपने बयानों और आंदोलनों के कारण सुर्खियों में रही हैं। अरविंद राजभर भी कई कार्यक्रमों में सक्रिय रहे हैं और संगठनात्मक गतिविधियों में भाग लेते रहे हैं। ऐसे में उन पर रेलवे की शिकायत के आधार पर हुई FIR ने सियासी विमर्श को नया मोड़ दे दिया है।
रेलवे विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी राजनीतिक हैसियत कुछ भी हो, यदि सरकारी संपत्ति या कर्मचारी के साथ नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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