शिक्षा के मंदिर में विचारधाराओं की टकराहट ने शांति को झकझोरा, जातीय तनाव की चिंगारी ने माहौल को किया अस्थिर!
बागपत से विशेष रिपोर्ट:
उत्तर प्रदेश। बागपत जनपद स्थित एक इंटर कॉलेज में उस समय अप्रत्याशित तनाव फैल गया जब सुबह की प्रार्थना सभा में धार्मिक और वैचारिक नारों की गूंज ने माहौल को बदल दिया। यह घटना न केवल शैक्षणिक अनुशासन पर सवाल उठाती है, बल्कि सामाजिक समरसता की चुनौतियों को भी उजागर करती है। प्रार्थना सभा के दौरान कुछ छात्रों द्वारा “जय श्रीराम” के नारे लगाए गए। यह नारा जैसे ही गूंजा, जवाब में दलित समुदाय से जुड़े छात्रों ने “जय भीम” की हुंकार भर दी। दोनों नारों की टकराहट ने देखते ही देखते सभा को वैचारिक संघर्ष के मंच में बदल दिया। छात्र समूहों के बीच बहस और नारेबाजी ने माहौल को गर्म कर दिया, जिससे स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
शिक्षकों ने स्थिति को संभालने की भरसक कोशिश की, लेकिन विवाद ने जातीय रंग पकड़ लिया। कुछ छात्रों ने इसे अपनी पहचान और विचारधारा से जोड़ते हुए भावनात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे मामला और अधिक संवेदनशील हो गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह घटना केवल एक क्षणिक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि छात्रों के बीच पहले से मौजूद वैचारिक मतभेदों का परिणाम थी। स्कूल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च अधिकारियों को सूचित किया है। फिलहाल, शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं और छात्रों को संयम बरतने की अपील की गई है।
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